भारत द्वारा चीन को निर्यात किए गए उत्पादों की सूची

वर्तमान में, भारत और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध जैसे हालात हैं, इसलिए हर कोई जानना चाहता है कि भविष्य में ये संबंध बिगड़ते हैं तो कौन सा देश सबसे अधिक पीड़ित होगा?
भारत के सबसे बड़े निर्यात भागीदार देश:-
वित्त वर्ष 2018-19 में, भारत अपने कुल निर्यात का सबसे बड़ा हिस्सा अमेरिका को भेजता था. भारत अपने कुल निर्यात का लगभग 17% संयुक्त राज्य अमेरिका निर्यात करता है, इसके बाद 9.2% भाग के साथ संयुक्त अरब अमीरात का नम्बर आता है जबकि इस सूची में 5.47% हिस्से के साथ चीन तीसरे स्थान पर आता है.
इस लेख में हमने भारत द्वारा चीन को निर्यात की जाने वाली वस्तुओं की सूची बतायी है. यह लेख स्पष्ट रूप से दिखाएगा कि चीन, भारतीय वस्तुओं पर कितना निर्भर है?
भारत, चीन को कई उत्पादों का निर्यात कर रहा है. कुछ सबसे आम हैं; कॉटन यार्न, लौह अयस्क और विद्युत मशीनरी इत्यादि. भारत अपने हीरे का 36% चीन को निर्यात करता है.
भारत, चीन को क्या-क्या निर्यात करता है?
1. कॉटन यार्न
2. कच्ची धातुएं (अयस्क)
3. ऑर्गेनिक रसायन
4. मिनरल ईंधन
5. प्लास्टिक आइटम
6. सी फ़ूड (फिश)
7. साल्ट्स
8. विद्युत मशीनरी
9. लौह और स्टील
10. रत्न और आभूषण
11. कृषि उत्पाद
12. सूती वस्त्र
13. हस्तशिल्प उत्पाद
14. कच्चा सीसा
15. नारियल
16. दूरसंचार सामग्री
17. अन्य पूंजीगत वस्तुएं
18. वनस्पति वसा
19. काजू
20. चमड़ा
आइये अब जानते हैं कि भारत किस वस्तु का कितना निर्यात चीन को करता है?
भारत द्वारा चीन को निर्यात किए गए उत्पादों की सूची:-
निर्यात वस्तु |
2018-19 (Rs.cr) |
2017-18 (Rs.cr) |
1. ऑर्गेनिक केमिकल |
22760 |
13578 |
2. खनिज ईंधन |
20031 |
9731 |
3. कॉटन |
12444 |
6476 |
4. कच्ची धातुएं (अयस्क) |
8572 |
8124 |
5. प्लास्टिक आइटम |
7759 |
3552 |
6. परमाणु मशीनरी |
5790 |
4615 |
7. मछलियाँ |
5094 |
1043 |
8. नमक |
4756 |
4336 |
9. इलेक्ट्रिकल मशीनरी |
4071 |
3093 |
10. लोहा और स्टील |
2230 |
2089 |
सोर्स:इकॉनोमिक टाइम्स,प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो
भारत चीन व्यापार संबंध:-
वित्त वर्ष 2018-19 में चीन को भारतीय निर्यात सिर्फ 16.75 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, दूसरी ओर भारत में चीनी निर्यात 2018-19 में US$ 70.32 बिलियन था. इसलिए 2018-19 में चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा US$53.57 बिलियन था. वित्त वर्ष 2018-19 में चीन के साथ भारत का व्यापार वॉल्यूम US$87.07 बिलियन डॉलर था.
यदि चीन में भारतीय निर्यात बाधित हुआ तो;
1. भारत में कई चीजों का मूल्य बढ़ सकता है, जिससे देश में महंगाई बढ़ सकती है.
2. भारत ऐसी कई चीजें (intermediate goods) चीन से आयात करता है जिनका इस्तेमाल भारत में बनने वाली वस्तुओं में होता है और फिर उन वस्तुओं को भारत में बनाकर उनका निर्यात चीन को किया जाता है.
3. फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद का निर्यात सबसे अधिक प्रभावित होने की संभावना है. भारत, ऑर्गेनिक केमिकल को बड़ी मात्रा में चीन को निर्यात करता है जिसका इस्तेमाल फार्मा सेक्टर में होता है.
उपरोक्त आंकड़ों से पता चलता है कि भारत अपने कुल निर्यात का सिर्फ 5% चीन को निर्यात करता है जबकि चीन अपने कुल निर्यात का सिर्फ 2% भारत भेजता है. इस प्रकार भारत की निर्भरता चीन के ऊपर ज्यादा है.
यदि दोनों देशों के बीच निर्यात प्रतिबन्ध बढ़ते हैं तो भारत को अपने तीसरे सबसे बड़े निर्यात पार्टनर देश के बाजार से हाथ धोना पड़ सकता है.
इसलिए दोनों देशों को ट्रेड वार में उलझने की बजाय, इस मुद्दे को सुलझाने के प्रयास करने चाहिए, क्योंकि ट्रेड वॉर से न केवल चीन बल्कि भारत भी प्रभावित होगा.
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