भारत द्वारा चीन से आयात की गयी वस्तुओं की सूची

भारत अपने कुल आयात का लगभग 14% चीन से आयात करता है. चीन से भारतीय आयात में मुख्य रूप से निम्न वस्तुएं शामिल हैं; विद्युत मशीनरी, सेल फोन, भारी मशीनरी, दूरसंचार उपकरण, बिजली उपकरण, प्लास्टिक के खिलौने, फार्मा सामग्री, फर्नीचर, उर्वरक, खाद्य पदार्थ और वस्त्र, आदि. भारत ने अप्रैल 2019-फरवरी 2020 की अवधि के दौरान चीन से 62.4 बिलियन डॉलर का सामान आयात किया है.
List of Products India imports from China
List of Products India imports from China

संयुक्त राज्य अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और चीन दूसरे स्थान पर है. भारत-यूएसए और भारत-चीन व्यापार के बीच मूल अंतर यह है कि भारत का अमेरिका के साथ व्यापार सरप्लस में हैं जबकि चीन से साथ भारत का व्यापार घाटे में है. इसका मतलब है कि भारत, अमेरिका को निर्यात ज्यादा करता है जबकि चीन से आयात ज्यादा करता है.

वित् वर्ष 2018-19 में चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 53 बिलियन डॉलर था जबकि अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष 16 बिलियन डॉलर का था.

भारत अपने कुल आयात का लगभग 13.7% चीन से करता है जिसमें मुख्य रूप से   रसायन, मोटर वाहनों के पार्ट्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मास्यूटिकल्स सामान शामिल हैं.
भारतीय चिकित्सा उद्योग, भारत में चिकित्सा उपकरणों और दवाइयों के निर्माण के लिए चीनी कंपोनेंट्स पर बहुत अधिक निर्भर है.

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भारतीय फार्मास्युटिकल एलायंस के अध्यक्ष सुदर्शन जैन ने कहा कि "भारत की कम से कम 70% दवा और उपकरणों को बनाने के लिए जरूरी कच्चा माल/उपकरण चीन से ही आयात किये जाते हैं.

भारत चीन व्यापार की मात्रा (India China Trade Volume):-

वित्त वर्ष 2018-19 में चीन के साथ भारत का व्यापार 87.07 बिलियन डॉलर का था. इसी अवधि में भारत का चीन से आयात US$ 70.32 बिलियन था और चीन का भारत से आयात केवल US$16.75 बिलियन था. इसलिए 2018-19 में चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा $ 53.57 बिलियन था जो कि पूरी तरह से चीन के पक्ष में है.
कुछ सालों से जारी सीमा विवाद के कारण, भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार, 2018 के बाद से 15% कम हो गया है.

चीन से आयातित मुख्य वस्तुएँ हैं; (Most imported items from China):-

चीन से भारत द्वारा इलेक्ट्रॉनिक आइटम सबसे अधिक आयात की जाने वाली वस्तु हैं. वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान इनका कुल आयातित मूल्य US $20.6 बिलियन था, जिसके बाद मशीनरी का कुल आयात 13.4 बिलियन डॉलर, 8.6 बिलियन डॉलर के कार्बनिक रसायन और 2.7 बिलियन डॉलर के प्लास्टिक आइटम का मूल्य था.

चीन से भारत क्या आयात करता है? ((What India Import from China):-

भारत चीन से मुख्य रूप से निम्न वस्तुएं आयात करता है;

1. इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद

2. कार्बनिक रसायन

3. नाभिकीय मशीनरी

4. कंप्यूटर पार्ट्स

5. कारों और मोटरसाइकिल के पार्ट्स 

6. खिलौने

7. उर्वरक

8. मोबाइल

9. लाइटिंग 

10.मिल्क उत्पाद

11. ऑप्टिकल विज्ञापन चिकित्सा उपकरण

12. आयरन और स्टील

अब चीन से भारतीय आयात का मूल्य देखें (Now see the value of the Indian import from China):-

उत्पाद

2018-19 (Rs.cr)

2017-18 (Rs.cr)

विद्युत मशीनरी

144405

184789

परमाणु मशीनरी

93616

87282

ऑर्गैमिक रसायन

60,082

45691

प्लास्टिक की वस्तुएं

19038

15246

उर्वरक

14412

6912

लोहे और स्टील की वस्तुएं

12165

9497

ऑप्टिकल विज्ञापन चिकित्सा उपकरण

11108

10718

वाहन और सामान

10636

9371

लोहा और इस्पात

9950

10445

अन्य रासायनिक उत्पाद

8994

8692

अतः उपरोक्त डेटा बताता है कि वित्त वर्ष 2018-19 में चीन, भारत के कुल आयात के लगभग 14% हिस्सेदारी के लिए जिम्मेदार है. सन 2017 के बाद से विद्युत मशीनरी चीन से आयातित सबसे बड़ी वस्तु है.

यदि चीनी आयात बाधित हो जाए तो क्या होगा? (What if Chinese import disrupted)?

1. अगर भारत चीन से आयात कम कर देता है तो जिन वस्तुओं का आयात बंद किया गया है उनकी कीमत देश में काफी बढ़ जायेंगीं क्योंकि देश में इनका उत्पादन इतनी जल्दी नहीं हो पायेगा.

2. चीन की कई वस्तुएं, भारत में बहुत सस्ते दामों पर मिलतीं जिससे देश में मध्यम वर्ग को फायदा होता है. 

3. चीनी वस्तुओं का आयात बंद होने से देश में महंगाई बढ़ने की संभावना भी है. 

4. यदि चीन से कच्चे माल की आपूर्ति बाधित हो जाती है तो भारत में कई वस्तुओं के स्थानीय उत्पादन को बहुत नुकसान हो सकता है.क्योंकि भारत, चीन से पार्ट्स आयात करके उत्पाद देश में ही बनाता है.

5. चीन से आयात कम होने से भारत में फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के उत्पादन पर सबसे अधिक फर्क पड़ेगा क्योंकि इनके उत्पादन के लिए जरूरी कच्चे सामान या इंटरमीडिएट वस्तुओं की आपूर्ति बाधित होगी.

इसलिए यह स्पष्ट है कि भारतीय अर्थव्यवस्था चीनी आयात पर बहुत अधिक निर्भर है. इसलिए भारत सरकार को हर कदम अत्यंत सावधानी के साथ उठाना चाहिए.साथ ही यह बात भी तय है कि अगर देश की संप्रभुता को किसी तरह का खतरा पैदा होता है तो पूरा देश कितना भी बलिदान करने को तैयार है.

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