दिल्ली सल्तनत के दौरान किए गए सैन्य सुधारों का संक्षिप्त विवरण

दिल्ली सल्तनत के सुल्तान पूर्ण रूप से तानाशाह थे और उनके अधिकार का वास्तविक स्रोत सैन्य शक्ति थाl दिल्ली सल्तनत की सेना में शाही अंगरक्षक और राजधानी में रहने वाले सैनिकों के अलावा अमीरों, वलियों और इक़्तेदारों की सेवा में कार्यरत सैनिक शामिल थेl इस लेख में हम विभिन्न प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के उम्मीदवारों के लिए दिल्ली सल्तनत के दौरान किए गए सैन्य सुधारों का संक्षिप्त विवरण दे रहे हैंl

दिल्ली सल्तनत के सुल्तान पूर्ण रूप से तानाशाह थे और उनके अधिकार का वास्तविक स्रोत सैन्य शक्ति थाl दिल्ली सल्तनत की सेना में शाही अंगरक्षक और राजधानी में रहने वाले सैनिकों के अलावा अमीरों, वलियों और इक़्तेदारों की सेवा में कार्यरत सैनिक शामिल थेl इस लेख में हम विभिन्न प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के उम्मीदवारों के लिए दिल्ली सल्तनत के दौरान किए गए सैन्य सुधारों का संक्षिप्त विवरण दे रहे हैंl

Sultanate

दिल्ली सल्तनत के दौरान किए गए सैन्य सुधारों का संक्षिप्त विवरण

सल्तनतकाल के दौरान सुल्तान सेना के कमांडर, मुख्य कानूनप्रदाता और अपील करने के लिए अंतिम न्यायालय थाl आमीर, खान और मलिक के पद सैन्य क्रम के अनुसार दिए जाते थेl सेना में विभिन्न देशों के लोग शामिल थेl इसके अलावा सेना में पैदल सेना, घुड़सवार सेना और हाथी दल को शामिल किया गया थाl सैनिकों द्वारा हाथ से चलने वाले हथियार जिसमें कई बेडौल यंत्र जैसे मर्जानी और मंगूस शामिल थे, का उपयोग किया जाता थाl

इल्तुतमिश

1. इसके शासनकाल में सेना की भर्ती, भुगतान प्रणाली और प्रशासन को केन्द्रीयकृत किया गया थाl

बलबन

1. उसने मंगोलों के खिलाफ दो आयामी रणनीतियों को अपनायाl उसने सबसे पहले मंगोल राजदरबार के साथ दूतावासों का आदान-प्रदान कियाl इसके बाद उसने प्रिंस मुहम्मद के नेतृत्व में लाहौर, मुल्तान और दीपालपुर के क्षेत्र में और सबसे छोटे बेटे प्रिंस बुहगरा खान के नेतृत्व में सुनाम, समाना और भटिंडा में दो सुरक्षा घेरा तैयार कियाl

2. उसने राजशाही को मजबूत करने के लिए केन्द्रीय सैन्य विभाग अर्थात “दीवान-ए-अर्ज” का पुनर्गठन कियाl

3. उसने “अर्ज-ए-मामलुक” की शक्ति और प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी कियाl

दिल्ली सल्तनत की समय-सीमा और कालक्रम

अलाउद्दीन खिलजी

1. पहला सुल्तान जिसने सैनिकों के लिए नकद वेतन की व्यवस्था शुरू की थीl

2. इसके शासनकाल में सैनिकों की नियुक्ति सीधे “अर्ज-ए-मामलुक” के द्वारा होती थी और सेना के रंगरूटों का रिकॉर्ड रखा जाता थाl

3. इसके शासनकाल में दाग (घोड़ों को दागना) और हुलिया या चेहरा (सैनिकों के लिए स्पष्ट नियमावली) प्रथा की शुरूआत की गई थीl

4. इसके शासनकाल में तीन प्रकार की सैन्य-व्यवस्था पैदल सैनिक, एक घोड़े वाले सैनिक (एक-अस्पा) और दो घोड़े वाले सैनिकों (दू-अस्पा) की शुरूआत की गई थीl

फिरोज शाह तुगलक

1. जमीन पर सैनिकों के मालिकाना हक को वंशानुगत कर दिया जिससे सेना में विद्रोह उत्पन्न हुआl इसके साथ-साथ सैनिकों के पद को वंशानुगत कर दियाl

दिल्ली के सुल्तानों द्वारा किए गए सैन्य सुधारों की सूची

सुल्तान

सुधार

इल्तुतमिश

सेना की भर्ती, भुगतान प्रणाली और प्रशासन को केन्द्रीयकृत किया गया थाl

बलबन

“अर्ज-ए-मामलुक” की शक्ति और प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी किया थाl

अलाउद्दीन खिलजी

सैनिकों को नकद भुगतान की प्रथा, घोड़ों को दागने की प्रथा और सेना के रंगरूटों का रिकॉर्ड रखने की प्रथा की शुरूआत की थीl

फिरोज शाह तुगलक

जमीन पर सैनिकों के मालिकाना हक को वंशानुगत कर दिया जिससे सेना में विद्रोह उत्पन्न हुआl सैनिकों के पद को वंशानुगत कर दियाl

दिल्ली सल्तनत के दौरान किए गए सैन्य सुधारों के उपरोक्त संक्षिप्त विवरण से पता चलता है कि सुल्तान की वास्तविक शक्ति को स्थायी सेना के अधीन निहित किया गया था और सुल्तान राज्य के मध्यस्थ और नियंत्रक थेl

मध्यकालीन भारत का इतिहास: एक समग्र अध्ययन सामग्री

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