कोई भी ऐसी स्तुति या गान, जिसमें राष्ट्रप्रेम की भावना निहित हो, को शासकीय रूप से आधिकारिक राष्ट्रगान के रूप में स्वीकृत किया जा सकता है| विश्व का सबसे पुराना राष्ट्रगान ग्रेट ब्रिटेन देश का 'गॉड सेव द क्वीन' है, जिसे वर्ष 1825 में राष्ट्रगान के रूप में वर्णित किया गया था|
भारत के राष्ट्र गान ‘जन गण मन’ की रचना नोबेल पुरस्कार प्राप्त भारतीय कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा मूलतः बांग्ला भाषा में 1911 ई. में की गयी थी| इसके हिंदी संस्करण को भारतीय संविधान सभा द्वारा 24 जनवरी,1950 को राष्ट्र गान के रूप में स्वीकृति प्रदान की गयी| ‘जन गण मन’ को पहली बार 27 दिसंबर,1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था| इस गीत का प्रकाशन ‘भारत विधाता’ शीर्षक से सर्वप्रथम ‘तत्वबोधिनी’ नामक पत्रिका में जनवरी, 1912 में किया गया था|
जन गण मन का वर्ष 1919 में ‘मॉर्निंग सॉन्ग ऑफ इंडिया’ शीर्षक से अंग्रेजी में अनुवाद किया गया| राष्ट्र गान में सिर्फ उन्हीं राज्यों का वर्णन है जो तत्कालीन ब्रिटिश शासन के अधीन थे, जैसे-पंजाब, सिंध,गुजरात,मराठा आदि लेकिन पुर्तगाल के अधीन तत्कालीन भारतीय राज्यों या प्रांतीय राज्यों का इसमें उल्लेख नहीं किया गया था|
भारत का राष्ट्र गान
‘जन-गण-मन अधिनायक जय हे
भारत भाग्य विधाता ।
पंजाब-सिंधु-गुजरात-मराठा
द्राविड़-उत्कल-बंग
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा
उच्छल जलधि तरंग
तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मांगे
गाहे तव जय-गाथा ।
जन-गण-मंगलदायक जय हे भारत भाग्य विधाता ।
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे|’
ऊपर राष्ट्र गान का पूर्ण संस्करण दिया गया है,जिसकी गायन अवधि लगभग 52 सेकंड है।कुछ अवसरों पर राष्ट्र गान के संक्षिप्त संस्करण को भी गाया जाता है,जिसमें की राष्ट्र गान की प्रथम और अंतिम पंक्तियाँ शामिल होती है और इसकी गायन अवधि 20 सेकंड होती है| राष्ट्र गान का संक्षिप्त रूप इस प्रकार है:
'जन-गण-मन अधिनायक जय हे
भारत-भाग्य-विधाता ।
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे ।'
राष्ट्र गान का शाब्दिक अर्थ
‘हे! भारत के जन गण और मन के नायक
आप भारत के भाग्य के विधाता हैं|
वह भारत जो पंजाब, सिंध, गुजरात, महाराष्ट्र
तमिलनाडु, उड़ीसा, और बंगाल जैसे प्रदेश से बना है
जहाँ विन्ध्याचल तथा हिमालय जैसे पर्वत हैं और यमुना-गंगा जैसी नदियाँ हैं
और जिनकी तरंगे उच्छश्रृंखल होकर उठतीं हैं
आपका शुभ नाम लेकर ही प्रातः उठते हैं
और आपके आर्शीवाद की याचना करते हैं
आप हम सभी जनों का मंगल करने वाले हैं, आपकी जय हो
सभी आपकी ही जय की गाथा गायें|
हे! जन और गण का मंगल करने वाले आपकी जय हो
आप भारत के भाग्य विधाता हैं
आपकी जय हो, जय हो, जय हो
जय, जय, जय, जय हो |’
राष्ट्र गान के समय कौन सी सावधानियाँ बरती जाती हैं?
जब राष्ट्र गान गाया या बजाया जाता है तो श्रोताओं को सावधान की मुद्रा में खड़े रहना चाहिए। यद्यपि जब किसी फिल्म या समाचार के दौरान राष्ट्र गान को बजाया जाए तो श्रोताओं से यह अपेक्षा नहीं की जाती है कि वे खड़े हो जाएं, क्योंकि ऐसा करने से फिल्म के प्रदर्शन में बाधा आएगी और असंतुलन और भ्रम पैदा होगा तथा राष्ट्र गान की गरिमा में कोई वृद्धि नहीं होगी। जैसा कि राष्ट्र ध्वज को फहराने के मामले में होता है, यह लोगों की अच्छी भावना के लिए छोड़ दिया गया है कि वे राष्ट्र गान को गाते या बजाते समय किसी अनुचित गतिविधि में संलग्न न हों।
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राष्ट्र गान को किन अवसरों पर गाया जाता है?
राष्ट्र गान का पूर्ण संस्करण निम्नलिखित अवसरों पर बजाया जाएगा:
i. नागरिक और सैन्य अधिष्ठापन
ii. जब राष्ट्र सलामी देता है (इसका अर्थ है कि राष्ट्रपति या संबंधित राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के अंदर राज्यपाल/लेफ्टिनेंट गवर्नर को विशेष अवसरों पर राष्ट्र गान के साथ राष्ट्रीय सलामी-सलामी शस्त्र प्रस्तुत किया जाता है);
iii. परेड के दौरान - चाहे उपरोक्त (ii) में संदर्भित विशिष्ट अतिथि उपस्थित हों या नहीं
iv. औपचारिक राज्य कार्यक्रमों और सरकार द्वारा आयोजित अन्य कार्यक्रमों में राष्ट्रपति के आगमन पर और इन कार्यक्रमों से उनके वापस जाने के अवसर पर
v. ऑल इंडिया रेडियो पर राष्ट्रपति के राष्ट्र को संबोधन से तत्काल पूर्व और उसके पश्चात
vi. राज्यपाल/लेफ्टिनेंट गवर्नर के उनके राज्य/संघ राज्य के अंदर औपचारिक राज्य कार्यक्रमों में आगमन पर तथा इन कार्यक्रमों से उनके वापस जाने के समय
vii. जब राष्ट्रीय ध्वज को परेड में लाया जाए
राष्ट्र गान उन अन्य अवसरों पर बजाया जाएगा जिनके लिए भारत सरकार द्वारा विशेष आदेश जारी किए गए हैं।
आम तौर पर राष्ट्र गान प्रधानमंत्री के लिए नहीं बजाया जाएगा जबकि कुछ ऐसे विशेष अवसर हो सकते हैं जब इसे बजाया जाएगा।
जब राष्ट्र गान एक बैंड द्वारा बजाया जाता है तो राष्ट्र गान के पहले श्रोताओं को कुछ ऐसे संकेत देने चाहिए कि अब राष्ट्र गान को बजाना आरंभ होने वाला है। उदाहरण के लिए राष्ट्र गान बजाने से पहले एक विशेष प्रकार की धूमधाम की ध्वनि निकाली जाए |
किन अवसरों पर राष्ट्र गान को सामूहिक रूप से गाया जाता है?
राष्ट्र गान का पूर्ण संस्करण निम्नलिखित अवसरों पर सामूहिक गान के साथ बजाया जाएगा:
i. राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के अवसर पर, सांस्कृतिक अवसरों पर या परेड के अलावा अन्य समारोह पूर्ण कार्यक्रमों में।
ii. सरकारी या सार्वजनिक कार्यक्रम में राष्ट्रपति के आगमन के अवसर पर (परंतु औपचारिक राज्य कार्यक्रमों और सामूहिक कार्यक्रमों के अलावा) और इन कार्यक्रमों से उनके विदा होने के तत्काल पहले
iii. राष्ट्र गान को गाने के सभी अवसरों पर सामूहिक गान के साथ इसके पूर्ण संस्करण का उच्चारण किया जाएगा।
iv. राष्ट्र गान उन अवसरों पर ही गाया जाए जो पूरी तरह से समारोह के रूप में न हो अर्थात इनका कुछ महत्व हो, जिसमें मंत्रियों आदि की उपस्थिति भी शामिल हो।
सामूहिक गान के साथ राष्ट्र गान को गाने पर तब तक कोई आपत्ति नहीं है जब तक इसे मातृ भूमि को सलामी देते हुए आदर के साथ गाया जाए और इसकी उचित गरिमा को बनाए रखा जाए।
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