जानिए किंग बनने के बाद किन-किन ख़ास सुविधाओं का लाभ उठाएंगे चार्ल्स तृतीय

महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के निधन के बाद से ब्रिटेन में ‘ऑपरेशन स्प्रिंग टाइड’ लागू कर दिया गया है. यह एक प्रकार का शाही प्रोटोकॉल है, जिसके अंतर्गत देश का अगला राजा चुना जाएगा.नियम के अनुसार, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के बेटे और उत्तराधिकारी प्रिंस चार्ल्स, 73 साल की उम्र में 'महाराज चार्ल्स तृतीय' के रूप में शाही बागडोर संभालेंगे.
ब्रिटेन का राजा बनने के बाद देश के प्रति उनकी जिम्मेदारियां बढ़ने वाली हैं. वैसे इसके साथ ही वो कई ख़ास सुविधाओं का भी लाभ उठा पाएंगे. जानिए वो ख़ास सुविधाएं क्या और कैसी होंगी:
बिना पासपोर्ट कर सकेंगे यात्रा
किंग चार्ल्स III को अब विदेश यात्रा पर जाने के लिए पासपोर्ट की जरुरत नहीं होगी. ये नियम हर महाराज या महारानी पर लागू होता है. दरअसल, ब्रिटेन में जारी होने वाले हर पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस पर एक लाइन लिखी होती है:
“His Britannic Majesty's Secretary of State requests and requires in the name of His Majesty all those whom it may concern to allow the bearer to pass freely without let or hindrance and to afford the bearer such assistance and protection as may be necessary.”
इस लाइन के जरिए व्यक्ति बिना किसी रुकावट के यात्रा करने के लिए महाराजा या महारानी की अनुमति मांग रहा है. ऐसे में अगर हर किसी को किंग की अनुमति की जरुरत है तो आखिर किंग को अनुमति कौन देगा.
वाहन दस्तावेज़ो की भी नहीं है जरुरत
पासपोर्ट की तरह ही ब्रिटिश सम्राट को वाहन चलाने के लिए किसी भी प्रकार के दस्तावेज़ की जरुरत नहीं होती है. साथ ही उन्हें लाइसेंस बनवाने की भी आवश्यकता नहीं होती.
महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाले महिला थी जिन्होंने बेहद ही कम समय में गाड़ी चलने के प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया था. उन्होंने ये प्रशिक्षण ब्रिटिश आर्मी से प्राप्त किया था.
आम नागरिकों के साथ भी मनाएंगे सम्राट अपना जन्मदिन
रॉयल फैमिली का हिस्सा होते हुए पर्सनल लाइफ को मेन्टेन करना मुश्किल होता है. दुःख हो या सुख जनता हमेशा से महत्वपूर्ण भागीदारी निभाती है. यही कारण है कि ब्रिटेन की गद्दी पर बैठने वाली रानी या राजा अपना जन्मदिन साल में दो बार मनाते हैं. वास्तविक जन्मदिन निजी तौर पर परिवार और करीबियों के साथ मनाया जाता है वहीँ दूसरा जन्मदिन आम लोगों के साथ आयोजित किया जाता है.
ये आयोजन अक्सर हलके गर्म दिनों में किया जाता है. जैसे कि महारानी का वास्तविक जन्मदिन 21 अप्रैल को होता है। लेकिन महारानी के जन्मदिन के अधिकारिक सार्वजनिक उत्सव के लिए जून के दूसरे मंगलवार को चुना गया था. अनुमान लगाया जा रहा है कि क्योंकि किंग चार्ल्स का जन्मदिन 14 नवंबर को सर्दियों की शुरुआत में किया जाता है तो उनके अधिकारिक जन्मदिन उत्सव के लिए कोई गर्म दिन चुना जाएगा.
वैसे अब तक रॉयल फैमिली का यह सार्वजनिक उत्सव- द ट्रूपिंग द कलर (The Trooping the colour) के नाम से जाना जाता है। 250 साल पुरानी परंपरा इस परंपरा में 1,400 से अधिक सैनिक, 200 घोड़े और 400 संगीतकार शामिल होते हैं। शाही परिवार के सदस्य इस आयोजन का लुत्फ लंदन के बकिंघम पैलेस की बालकनी से उठाते हैं। कार्यक्रम के अंत में रॉयल एयर फोर्स फ्लाई पास्ट करती है.
मतदान नहीं कर सकते हैं ब्रिटिश सम्राट
ब्रिटिश सम्राट राजनीति का सीधी तौर पर हिस्सा नहीं बन सकते हैं. न वो किसी पद के लिए उम्मीदवार बन सकते हैं और ना ही किसी प्रत्याशी के लिए वोट कर सकते हैं. राज्य के प्रमुख के रूप में उन्हें न्यूट्रल रहना होता है.
हालांकि, महाराज संसदीय सत्रों के उद्घाटन में औपचारिक रूप से शामिल होते हैं।बिना उनकी मंजूरी के संसद में कोई भी नया कानून पारित नहीं हो सकता है. इसके साथ किसी भी विषय पर चर्चा के लिए किंग प्रधानमंत्री के साथ साप्ताहिक या जरुरत के अनुसार मीटिंग कर सकते हैं. और तो और जरुरत पड़ने पर किंग मिनिस्टर्स के खिलाफ वारंट भी जारी कर सकते हैं.
महाराज के संरक्षण में होंगे जीव जंतु
12वीं शताब्दी के बाद से इंग्लैंड व वेल्स में खुल पानी में रहने वाले हंसों को भी रॉयल किंग की संपत्ति माना जाता है।ब्रिटिश शासन द्वारा साल में एक बार एक ख़ास आयोजन किया जाता है. इस आयोजन के अंतर्गत टेम्स नदी में या पास रहने वाले जीवों जैसे मूक हंस, स्टर्जन, डॉल्फ़िन और व्हेल की गिनती कर उन्हें यूनिक आईडी दी जाती है. साथ ही इनकी सेहत का पूरा ध्यान रखा जाता है.
पत्रकारों के तरफ नहीं होती है कोई जवाबदेही
मशहूर अखबार ‘The Guardian’ ने एक बार बिना इजाजत के प्रिंस चार्ल्स के निजी पत्र पब्लिश कर दिए थें. काफी लंबी चली लड़ाई के बाद ये फैसला लिया गया था कि शाही परिवार से जुड़ी किसी भी जानकारी के प्रति शाही परिवार की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी.
ब्रिटिश सम्राट के पास होगा पर्सनल ATM
आपको क्या लगता है किंग के पास पैसे कहाँ से आते होंगे ? क्या उनका कोई स्टाफ एटीएम की लम्बी लाइन में लगता है, बिल्कुल नहीं. दरअसल, इंग्लैंड के ख़ास बैंक Coutts द्वारा बकिंघम पैलेस में एक एटीएम लगाया गया है. ये एटीएम ख़ास रॉयल हेड के इस्तेमाल के लिए लगाया जाता है.
रॉयल पोएट की नियुक्ति
किंग अपने लिए एक कवि की नियुक्ति कर सकते हैं । यह नियुक्ति हर 10 साल में एक बार की जाती है। इन दस सालों में वह विभिन्न अवसरों पर सम्राट के लिए कविताएं, छंद लिखेंगे। यह परंपरा 17वीं सदी से चली आ रही है। 2009 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने कैरल एन डफी को राज कवि नियुक्त किया था। वह शाही परिवार की पहली महिला कवि थीं। डफी ने 2011 में प्रिंस विलियम की शादी में कविता लिखी थी। इसके अलावा 2013 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के राज्याभिषेक की 60वीं वर्षगांठ और 2018 में प्रिंस हैरी की शादी के लिए भी कविताएं लिखी थीं।
शाही वारंट जारी कर सकते हैं सम्राट
शाही वारंट सम्राट द्वारा जारी किया गया एक तरह का सम्मान है. सम्राट या महारानी को जो भी बिजनेस हाउस, मॉल या बिजनेसमैन अपनी सेवाएं देता है या शाही परिवार जिनसे सामान खरीदता है, उनको शाही वारंट जारी किया जाता है। शाही वारंट जारी होने के बाद उस प्रतिष्ठान की बिक्री भी बढ़ जाती है और वह सम्मान के नजरिए से भी देखा जाता है। जिनको शाही वारंट जारी होता है, वह शाही हथियारों का भी उपयोग कर सकते हैं। ब्रिटेन में रॉयल वारंट वाली कंपनियों में जगुआर कार, लैंड रोवर, बरबेरी, कैडबरी, सैमसंग, वेट्रोज सुपर मार्केट शामिल है।
ऑस्ट्रेलिया सरकार के प्रति होते हैं विशेषाधिकार
ऑस्ट्रेलिया का हेड होने के नाते, ब्रिटिश सम्राट के पास ऑस्ट्रेलिया का गवर्नर जनरल चुनने का अधिकार होता है. अगर ऐसे में संसद कुछ भी गलत करती है तो सम्राट के पास उसे भंग करने का पूरा अधिकार है.
आने वाले 10 दिनों में चार्ल्स तृतीय को औपचारिक तौर पर ‘किंग’ की उपाधि दे दी जाएगी. साथ ही उनकी पत्नी कैमिला ‘क्वीन कंसोर्ट’ बन जाएंगी.