जानें कैसे एक कबूतर ऑस्टेलिया की जैव सुरक्षा के लिए खतरा बन गया?

बीते दिनों ऑस्ट्रेलिया में एक कबूतर चर्चा और विवाद का विषय बना रहा जिसे ऑस्ट्रेलिया प्रशासन ने अपने जैव सुरक्षा के लिए खतरा मानते हुए मार डालने का फैसला लिया था। हालांकि, बाद में अधिकारियों को ज्ञात हुआ कि यह ऑस्ट्रेलिया का स्थानीय कबूतर ही है और इससे ऑस्ट्रेलिया को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है। इसलिए अब इसे मारने का फैसला वापस ले लिया गया है।
'अमेरिकी पहचान' का टैग
आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में 'जो' नामक कबूतर को 'अमेरिकी पहचान' का टैग पहने देखा गया था। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया नियमानुसार, जो को मार डालने का फैसला लिया गया था।
फर्ज़ी टैग का खुलासा
जांच-पड़ताल में पाया गया कि 'जो' स्थानीय कबूतर ही है और उसपर फर्जी टैग लगा था। फर्जी टैग के अनुसार इसका मालिक अमेरिका के अलाबामा का था।
जैव सुरक्षा को खतरा
ऑस्ट्रेलिया के कृषि विभाग ने एक बयान जारी कर कहा था कि इस कबूतर को उनके देश में रहने की अनुमति नहीं है क्योंकि इसके कारण ऑस्ट्रेलिया की खाद्य सुरक्षा और पोल्ट्री उद्योगों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। अधिकारियों ने यह चेतावनी तक दे दी थी कि इससे उनके देश की जैव सुरक्षा को खतरा हो सकता है, जिसके बाद ये कबूतर मीडिया में छा गया था। दरअसल, पूरी दुनिया में तेजी से फैलते बर्ड फ्लू ने ऑस्ट्रेलिया की चिंता बढ़ा दी थी।
13,000 किलोमीटर की दूरी तय करने वाला दुनिया का पहला कबूतर
रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया गया था कि इससे पहले किसी भी कबूतर ने 13,000 किलोमीटर की दूरी तय नहीं की है। किसी भी कबूतर द्वारा आजतक सबसे ज्यादा दूरी तय करने का रिकॉर्ड सन् 1931 में फ्रांस के एक कबूतर के नाम है। ये कबूतर अर्रास से उड़कर वियतनाम के सॉइगान पहुंचा था।
कबूतर के बारे में
26 दिसंबर 2020 को केविन सेली बर्ड को अपने घर के पीछे वाले हिस्से में एक कबूतर को हांफता हुआ पाया था। इसका नाम अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के नाम पर जो रखा गया है। इस खबर के आने के बाद ऑस्ट्रेलिया की क्वारंटीन एंड इंस्पक्शन सर्विस हरकत में आ गई थी और जो को देश के लिए खतरा बता दिया था।
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