स्कूलों और कॉलेजों में सही तरीके से झंडा फहराने के क्या नियम हैं?

भारत में सही तरीके से झंडा फहराने के नियम भारतीय झंडा संहिता, 2002 में दिए गए हैं. स्कूल और कॉलेज में सही तरीके से झंडा फहराने का नियम यह है कि स्कूल के विद्यार्थी खड़े होकर एक खुला वर्गाकार बनायेंगे. इस वर्ग में 3 तरफ विद्यार्थी खड़े होंगे और चौथी तरफ बीच में झंडा होगा. प्रधानाध्यापक/झंडे को फहराने वाला गणमान्य व्यक्ति और मुख्य छात्र; झंडे से तीन कदम पीछे खड़े होंगे.

Hemant Singh
Jan 10, 2019, 14:49 IST
Flag Hoisting Ceremony in Schaool
Flag Hoisting Ceremony in Schaool

भारत का राष्ट्रीय झंडा यहाँ के हर निवासी के गौरव और सम्मान का प्रतीक है. जब भी कोई भारतीय इस तिरंगे को फहराता है तो उसके चेहरे पर एक अलग ही चमक होती है. लेकिन कई बार देखा गया है कि जानकारी के अभाव में लोग भारतीय तिरंगे का अपमान करते नजर आते हैं ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही भी की जाती है.

इस लेख के माध्यम से हम आपको यह बता रहे हैं कि स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षिक संस्थाओं जैसे कि खेल शिविर, स्काउट्स शिविर इत्यादि में झंडा को सही तरीक से कैसे फहराएँ?

भारतीय राष्ट्रीय झंडे का प्रदर्शन; प्रतीक और नाम (अनुचित प्रयोग का निवारण) अधिनियम, 1950 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम,1971 उपबंधों के अनुसार नियंत्रित होता है. भारतीय ध्वज संहिता, 2002 में इन सभी नियमों, रिवाजों, औपचारिकताओं और निर्देशों को एक साथ लाने का प्रयास किया गया है.

शैक्षिक संस्थाओं में सही तरीके से झंडे को फहराने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए;

1. स्कूल के विद्यार्थी खड़े होकर एक खुला वर्गाकार बनायेंगे. इस वर्ग में 3 तरफ विद्यार्थी खड़े होंगे और चौथी तरफ बीच में झंडा होगा. प्रधानाध्यापक/झंडे को फहराने वाला गणमान्य व्यक्ति और मुख्य छात्र झंडे से तीन कदम पीछे खड़े होंगे.

FLAG HOISTING INDIAN SCHOOL

2. छात्र 10-10 छात्रों के दल में या अधिक् संख्या होने पर अधिक संख्या में लाइन में खड़े होंगे और वे एक दल के पीछे दूसरे दल के क्रम में खड़े होंगे. कक्षा का मॉनिटर अपनी कक्षा की पहली पंक्ति की दाई ओर खड़ा होगा और कक्षा अध्यापक अपनी कक्षा की अंतिम पंक्ति से 3 कदम पीछे, बीच में खड़ा होगा.

3. कक्षाएं वर्गाकार आकार में इस प्रकार खड़ी होंगी कि सबसे बड़ी कक्षा सबसे दाईं ओर रहेगी और उसके बाद वरिष्ठता क्रम से अन्य कक्षाएं खड़ी होंगी.

4. हर पंक्ति के बीच कम से कम एक कदम या लगभग 30 इन्च का गैप होना चाहिए और कक्षा के बीच में भी समान अंतर का गैप होना चाहिए.

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5. स्कूल का छात्र नेता, जिसे परेड की जिम्मेदारी दी गयी है, झंडा फहराने के ठीक पहले, परेड को सावधान या अटेंशन में आने की आज्ञा देगा और झंडे को लहराने पर परेड को झंडे को सलामी देने की आज्ञा देगा. परेड कुछ देर तक सलामी की अवस्था में रहेगी और फिर 'कमान' आने पर सावधान की अवस्था में आ जाएगी.

FLAG CELEBRATION

6. जब हर कक्षा तैयार हो जाये को हर कक्षा का मॉनिटर आगे बढ़कर स्कूल के चुने हुए छात्र नेता का अभिवादन करेगा. जब सभी कक्षाएं तैयार हो जायें तो स्कूल का छात्र नेता प्रधानाध्यापक की ओर बढ़कर उनका अभिवादन करेगा और प्रधानाध्यापक, अभिवादन का उत्तर देगा. इसके बाद मुख्य अतिथि (यदि प्रधानाध्यापक के अलावा कोई और है) द्वारा झंडा फहराया जायेगा.

FLAG HOISTING CEREMONY

7. झंडे को सलामी देने के बाद राष्ट्रगान होगा. ध्यान रहे कि राष्ट्रगान के दौरान परेड, सावधान की अवस्था में रहेगी.

attention hoisting flag

8. यदि किसी मौके पर शपथ ली जानी है तो राष्ट्रगान के बाद प्रधानाध्यापक शपथ को पढेंगे और सभी बच्चे अपना दायाँ हाथ ऊपर उठाकर उसको दोहराएंगे.

swearing hoisting flag

इसके अलावा झंडे के सम्मान के लिए निम्न नियम भी भारतीय झंडा संहिता 2002 में बताये गये हैं;

1. राष्ट्रीय झंडे का निर्माण हाथ से काते गए और हाथ से बुने गए धागे या ऊन या सिल्क या खादी के कपडे का बना हुआ होना चाहिए.

2. भारत के राष्ट्रीय झंडे का आकार आयताकार होगा. झंडे की लम्बाई और चौड़ाई (ऊंचाई) का अनुपात 3:2 होगा.

3. भारतीय झंडे को अन्य झंडे या झंडों के साथ एक ही ध्वज-दंड से नहीं फहराया जाना चाहिए. अर्थात भारतीय झंडे का ध्वज-दंड अलग होना चाहिए.

4. जनता द्वारा राष्ट्रीय, सांस्कृतिक अवसरों पर कागज के बने झंडों को फहराया जा सकता है लेकिन ऐसे झंडों को जमीन पर नहीं फेका जाना चाहिए और उनका सम्मानपूर्वक निपटान कर दिया जाना चाहिए.

INDIAN FLAG ON SOIL

5. झंडे को वाहन, रेलगाड़ी, नाव, वायुयान की छत इत्यादि को ढ़कने के काम में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.

6. झंडे का प्रयोग किसी वर्दी या पोशाक में नहीं किया जायेगा, ना ही झंडे को रुमाल, तकियों या किसी अन्य ड्रेस पर मुद्रित किया जायेगा.

insult indian flag

7. किसी व्यक्ति या वस्तु को सलामी देने के लिए झंडे को नही झुकाया जायेगा.

8. जिस जगह झंडे का प्रदर्शन खुले में किया जाता है वहां पर मौसम की चिंता किये बिना झंडे को सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जाना चाहिए.

नोट: भारतीय नागरिक अब रात में भी राष्ट्रीय तिरंगा फहरा सकते हैं. इसके लिए शर्त होगी कि झंडे का पोल इतना लंबा हो कि झंडा दूर से ही दिखाई दे और झंडा खुद भी चमके.

उम्मीद है कि अब आप लोग इस लेख को पढ़ने के बाद आगे आने सभी राष्ट्रीय पर्वों पर भारतीय तिरंगे को ऊपर दिए गए झंडा संहिता 2002 में सुझाये मार्गदर्शन के आधार पर ही फहराएंगे.

क्या आप भारतीय झंडा संहिता,2002 के बारे में जानते हैं?

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