Science in Daily life: जानें क्यों होते हैं सब्जियों और फलों में अलग-अलग रंग और स्वाद?

हर सब्जी का अपना एक विशेष रंग और स्वाद होता है जो उसमें पाए जानें वाले किसी खास तत्व के कारण होता है आइये जानें सब्जियों के अलग- अलग रंग और स्वाद के कारण
vegetables and fruits different  color
vegetables and fruits different color

रंग और स्वाद का हर इंसान के जीवन में एक अलग ही महत्व होता है हम अपनी सामान्य दिनचर्या में विभिन्न रंगों और स्वादों की सब्जियां, फल और मसालों का प्रयोग करते हैंI हमने देखा है टमाटर और गाजर लाल, जबकि हल्दी और पपीता पीला होता है वहीं मूली और प्याज़ में एक अलग ही गंध आती है और करेला स्वाद में तीखा तो आंवला कसैला होता हैI क्या आप जानते हैं इन सब्जियों, फलों और मसालों के अलग-अलग रंग और स्वाद का कारण क्या होता है? जी हाँ सब्जियों में कुछ विशेष तत्व पाए जाते हैं जो उन्हें विभिन्न रंग और स्वाद देते हैंI आज हम यहाँ आपके लिए इससे ही सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आयें हैं, तो आइये जानें उन विभिन्न तत्वों को जो सब्जियों और फलों को विभिन्न रंग और स्वाद देते हैंI

क्यों होता है टमाटर का रंग लाल ?

हम अपने घरों में डेली किसी न किसी रूप में टमाटर का प्रयोग करते हैं टमाटर विश्व के लगभग हर देश में पाई जाने वाली सब्जी है इसका वैज्ञानिक नाम सोलेनम लाइको पोर्सिकान हैI इसकी उत्पति दक्षिण अमेरिका के एन्डीज़ क्षेत्र में हुई थी और सर्वप्रथम मेक्सिको में इसका भोजन के रूप में प्रयोग शुरू हुआ था और वहीं से ये विश्वभर में फैल गया। टमाटर अपने स्वाद और रंग के कारण घरों में सब्जियों और सलाद के रूप में  प्रयोग होता  है कई लोग तो टमाटर के बिना भोजन की कल्पना भी नहीं कर पाते हैंI टमाटर में अत्यधिक मात्रा में कैल्शियम, फास्फोरस व विटामिन सी पाये जाते हैं और टमाटर का खूबसूरत लाल रंग उसमें पाए जानें वाले "लाइकोपिन" तत्व के कारण होता हैI वहीं इसके स्वाद के खट्टे होने का कारण साइट्रिक एसिड और मैलिक एसिड का इसमें पाया जाना हैI

क्यों हल्दी होती है पीली ?

हल्दी का प्रयोग भारतीय किचनों में प्राचीन काल से होता आ रहा है इसका प्रयोग न सिर्फ सब्जी और मसाले के रूप में बल्कि धार्मिक कार्यों और घरेलु चिकित्सा में भी होता हैI हमारे आयुर्वेदिक ग्रन्थों में हल्दी को एक चमत्कारिक द्रव्य की मान्यता दी गई हैI हल्दी अदरक की प्रजाति का एक पौधा होता है जिसमें जड़ की गाठों में हल्दी मिलती है I इसका वैज्ञानिक नाम कुरकुमा डोमेस्टिका (Curcuma Domestica) हैI हल्दी में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और विटमिन A पाया जाता है वहीं हल्दी में पाए जाने वाले पीले रंग का कारण "कुरकुमिन" होता हैI हल्दी पाचन तन्त्र की समस्याओं, गठिया, रक्त-प्रवाह से सम्बंधित समस्याओं, बैक्टीरिया के संक्रमण, हाईबीपी, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल की समस्या के साथ ही कैंसर जैसे खतरनाक रोगों के लिए भी प्रयोग की जाती हैI 

क्यों होता है करेला कड़वा ?       

करेला एक ऐसी सब्जी है जिसे उसके कड़वे स्वाद के कारण बहुत कम ही लोग पसंद करते हैंI इसका वैज्ञानिक नाम मोमोर्दिका चारैन्टिया हैI इसे एशिया और कैरेबियाई क्षेत्रों में  व्यापक रूप से उगाया जाता है। कड़वा करेला आयुर्वेदिक गुणों की खान होता हैI केरेले में कॉपर, विटामिन बी, अनसैचुरेटेड फैटी ऐसिड जैसे कई पोषक तत्व पाये जाते हैंI वहीं इसमें एंटी-वायरल और एंटी-बॉयटिक जैसे गुण भी भरपूर मात्रा में मिलते हैं, ये खून की सफाई करने के साथ ही शरीर को भी स्वस्थ्य रखता हैI करेले के इस कड़वे स्वाद का कारण इसमें मेमोर्डिकोसाइट तत्व का पाया जाना हैI करेला की उत्पत्ति भारत में हुई हैI 

क्यों  होता है गाय के दूध का रंग पीला और भैस के दूध का रंग सफेद ?

गाय के दूध को सबसे शुद्ध और सर्वोत्तम आहार माना जाता है। मनुष्य की शक्ति एवं ताकत को बढ़ाने के लिए गाय के दूध को सबसे श्रेष्ठ माना गया है। इसमें कैल्शियम के साथ-साथ प्रोटीन भी पाया जाता हैI गाय के दूध में कैरेटिन नाम का प्रोटीन मिलता है जिसके कारण इसका रंग पीला होता है जबकि भैंस के दूध में कैसीन नामक प्रोटीन मिलता है जिसके कारण इसका रंग सफेद होता है।

खीरे में कड़वाहट का कारण 

खीरा भारतीय घरों में प्रयोग किया जानें वाला एक सामान्य फल है इसका प्रयोग अधिकांश घरों में सलाद के रूप में किया जाता है परन्तु कई बार खीरे का स्वाद कुछ कड़वा होता है जिसका कारण कुकर बिटेसिन तत्व का उसमें पाया जाना हैI वहीं खीरे में अत्यधिक मात्रा में पानी मिलता है जिससे वजन कम  करने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता हैI पेट तथा कब्ज की समस्या में भी खीरे को औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। खीरे में अधिक मात्रा में फाइबर मौजूद होता हैI इसका प्रयोग पीलिया, प्यास, बुखार, शरीर की जलन, गर्मी के सारे दोष, स्किन से सम्बंधित बीमारियों में भी किया जाता हैI 

क्यों आती है प्याज से गंध ?

प्याज़ एक वनस्पति है जिसके कन्द का प्रयोग सब्ज़ी के रूप में किया जाता है। प्याज की सबसे अधिक पैदावार महाराष्ट्र में होती है। सामान्यत आपने नोटिस किया होगा कि, जब आप सलाद के रूप में प्याज खाते हैं तो उसके बाद मुंह से एक अजीब सी गंध आती है क्या आप जानते हैं इस गंध का कारण क्या है? प्याज में एलिल मिथाइल सल्फाइड नामक पदार्थ होता है जो मुंह से दुर्गन्ध देता हैI वहीं लेक्राइमेट्री-फैक्टर सिंथेस एंजाइम केमिकल प्याज के छिलने और काटने पर बाहर निकल आता है और हमारी आंखों की लेक्राइमल ग्लैंड पर असर डालना शुरू कर देता है, जिसकी वजह से हमारी आंखों से आंसू निकलते हैंI   

आखिर क्यों होती है मिर्च तीखी ?

क्या कभी आपने सोचा है कि मिर्च तीखी क्यों लगती है? मिर्च को दक्षिण अमेरिका की पैदावार माना जाता है, यूरोपीय लोगों के साथ ये पंद्रहवीं-सोलहवीं सदी तक  पूरी दुनिया में फैल गई। मिर्च का प्रयोग एक औषधि के रूप में भी होता है। परन्तु मिर्च के स्वाद में एक अलग ही तीखापन होता है जिसका कारण उसमें कैप्सिसिन नामक कंपाउंड का पाया जाना है। ये कंपाउंड मिर्च की बीच वाली परत में होता है। कैप्सिसिन जीभ और त्‍वचा पर पाई जाने वाली नसों पर असर करता है। जिससे जलन और गर्मी का अहसास होता है।

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