Shram Shakti Niti 2025 भारत की ड्राफ्ट राष्ट्रीय श्रम एवं रोजगार नीति है, जिसका उद्देश्य न्यायसंगत, समावेशी, तकनीक-सक्षम और भविष्य-उन्मुख श्रम ईकोसिस्टम तैयार करना है, ताकि Viksit Bharat @2047 के लक्ष्य को गति मिल सके। यह नीति सामाजिक सुरक्षा, सुरक्षित कार्यस्थल, महिला भागीदारी, कौशल विकास, डिजिटलीकरण और ग्रीन जॉब्स पर विशेष बल देती है।
श्रम शक्ति नीति- 2025 पर मंत्री की बैठक:
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार और युवा मामले एवं खेल मंत्री, डॉ. मनसुख मंडाविया ने हाल ही में नई दिल्ली में मसौदा श्रम शक्ति नीति- 2025 (भारत की राष्ट्रीय श्रम और रोजगार नीति) पर नियोक्ता संघों और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (सीटीयू) के प्रतिनिधियों के साथ एक त्रिपक्षीय परामर्श की अध्यक्षता की।
क्यों लाया गया शक्ति नीति- 2025?
यह नीति श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा सार्वजनिक सुझावों के लिए जारी की गई ड्राफ्ट नीति है।
इसका विज़न है:
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श्रमिकों की गरिमा को सर्वोपरि रखना
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प्रत्येक श्रमिक को सुरक्षा, अवसर और संरक्षण उपलब्ध कराना
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श्रम सुधारों को भारत की दीर्घकालिक विकास रणनीति और डेमोग्राफिक डिविडेंड से जोड़ना
शक्ति नीति- 2025 क्यों है खास:
ड्राफ्ट और विभिन्न विश्लेषणों के अनुसार नीति सात बड़े लक्ष्यों पर आधारित है:
सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा: सभी श्रेणी के श्रमिक—अनौपचारिक, gig, प्लेटफ़ॉर्म, को एक जैसी, पोर्टेबल सामाजिक सुरक्षा।
सुरक्षित कार्यस्थल (OSH): AI आधारित मॉनिटरिंग और जोखिम-आधारित निरीक्षणों के ज़रिए लगभग शून्य कार्यस्थल मृत्यु का लक्ष्य।
रोजगार, कौशल और एम्प्लॉयबिलिटी: स्किल स्कीम्स का एकीकरण, लाइफ-लॉन्ग लर्निंग, करियर गाइडेंस और रोजगार में वृद्धि।
महिला और युवा सशक्तिकरण: महिला श्रम बल भागीदारी को 2030 तक ~35% तक बढ़ाने का लक्ष्य।
डिजिटल गवर्नेंस और आसान अनुपालन: सिंगल-विंडो सिस्टम, इंटीग्रेटेड पोर्टल और डेटा-आधारित मॉनिटरिंग।
ग्रीन जॉब्स और जस्ट ट्रांज़िशन: पर्यावरण-अनुकूल रोजगार को बढ़ावा और ग्रीन अर्थव्यवस्था में बदलाव से प्रभावित श्रमिकों की सहायता।
केंद्र-राज्य समन्वय: टेक्नोलॉजी-संचालित श्रम प्रशासन और बेहतर नीतिगत तालमेल।
Shram Shakti Niti 2025: हाई लाइट्स
| दस्तावेज़ का स्वरूप | श्रम मंत्रालय की ड्राफ्ट राष्ट्रीय श्रम एवं रोजगार नीति |
| मुख्य विज़न | समावेशी, न्यायसंगत, तकनीक-चालित श्रम ईकोसिस्टम |
| प्रमुख उद्देश्य | सामाजिक सुरक्षा, OSH, स्किलिंग, महिला-युवा सशक्तिकरण, आसान अनुपालन, ग्रीन जॉब्स |
| प्रमुख फीचर | यूनिवर्सल रजिस्ट्रेशन, पोर्टेबल सिक्योरिटी, AI-गवर्नेंस, MSME-फ्रेंडली नियम |
| चरणबद्ध क्रियान्वयन | 2025–27 सेट-अप, 2027–30 राष्ट्रीय विस्तार, 2030+ उन्नत गवर्नेंस |
| लक्ष्य | 100% पंजीकरण, शून्य fatalities, 35% महिला LFPR, अनौपचारिक रोजगार में कमी |
| संस्थागत सिस्टम | NLEPI, NCLPI, वार्षिक रैंकिंग और डैशबोर्ड |
One Nation Integrated Workforce प्लेटफ़ॉर्म की तैयारी
प्रत्येक श्रमिक का एक यूनिफाइड सोशल सिक्योरिटी अकाउंट देने की तैयारी की जा रही है जो पोर्टेबल, डिजिटल और देशभर में मान्य होगी। साथ ही EPFO, ESIC, राज्य पोर्टल्स इत्यादि को जोड़ने वाला एकीकृत डेटा आर्किटेक्चर तैयार करने का भी लक्ष्य रखा गया है।
जिला-स्तर रोजगार सुविधा केंद्र: रोजगार सहायता, करियर काउंसलिंग और स्किल मैपिंग।
MSMEs के लिए बड़ा राहत पैकेज: कम अनुपालन बोझ, डिजिटल सेल्फ-सर्टिफिकेशन और आसान रिटर्न फाइलिंग।
कैसे लागू की जाएगी यह नीति:
यह नीति तीन फेज में लागू करने का रोडमैप देती है:
Phase I (2025–27): आधार निर्माण
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संस्थागत संरचना
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EPFO/ESIC डाटाबेस का एकीकरण
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डिजिटल सिस्टम और रोजगार सुविधा पायलट्स
Phase II (2027–30): व्यापक क्रियान्वयन
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यूनिवर्सल सोशल सिक्योरिटी अकाउंट का राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार
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AI आधारित जॉब-मैचिंग
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स्किल-क्रेडिट सिस्टम
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रोजगार सुविधा केंद्रों का विस्तार
Phase III (2030 के बाद): एडवांस, पेपरलेस गवर्नेंस
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रियल-टाइम, डेटा-ड्रिवन श्रम प्रशासन
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ग्रीन रोजगार व अंतरराष्ट्रीय अवसरों का विस्तार
संस्थागत सुधार
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National Labour & Employment Policy Implementation Council (NLEPI)
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National Centre for Labour and Employment Policy & Innovation (NCLPI)
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वार्षिक Labour & Employment Policy Evaluation Index
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राज्यों-जिलों के लिए रियल-टाइम डैशबोर्ड और पुरस्कार प्रणाली
इस नीति की क्या है चुनौतियाँ
श्रमिक संगठनों का आरोप कि नीति में मज़दूर अधिकारों, कलेक्टिव बार्गेनिंग और न्यूनतम वेतन पर पर्याप्त स्पष्टता नहीं है। वहीं अधिक डिजिटल सेल्फ-सर्टिफिकेशन से श्रम सुरक्षा कमज़ोर होने की आशंका बढ़ सकती है। साथ ही फ़ंडिंग मॉडल, गिग/प्लेटफ़ॉर्म वर्करों की सुरक्षा और शिकायत निवारण पर अधिक विवरण की मांग की गयी है।
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