क्रिकेट की दुनिया में क्यों विवादों में रहता है DLS नियम और क्या है इतिहास, जानें

क्रिकेट की दुनिया में आपने बहुत से नियमों के बारे में सुना होगा। इसी में शामिल है DLS नियम, जिसका हाल ही में आईपीएल के 16वें सीजन में इस्तेमाल किया गया था। यह नियम शुरुआत से ही विवादों में रहा है। ऐसे में इस आर्टिकल के माध्यम से हम क्रिकेट की दुनिया के सबसे विवादित नियम के बारे में जानेंगे।
डीएलएस नियम क्रिकेट
डीएलएस नियम क्रिकेट

भारत में यदि सबसे लोकप्रिय खेलों की बात करें, तो इसमें दो राय नहीं है कि क्रिकेट का नाम प्रमुख रूप से लिया जाता है। यही वजह है कि भारत में समय-समय पर अलग-अलग क्रिकेट लीग का आयोजन किया जाता है। वहीं, खेलों के लिए क्रिकेट काउंसिल की ओर से कई नियम भी बनाए गए हैं। इन्हीं नियमों में शामिल है क्रिकेट की दुनिया का सबसे विवादित DLS नियम। क्रिकेट के इतिहास में यह नियम शुरू से ही विवादित रहा है। खास बात यह है कि हाल ही में हुए आईपीएल के फाइनल में भी इस नियम का इस्तेमाल किया गया था। क्या है यह नियम और भारतीय क्रिकेट से क्या है इसका कनेक्शन, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 



हाल ही में हुआ था इस्तेमाल

इस  DLS नियम का हाल ही में इस्तेमाल किया गया था। आईपीएल के 16वें सीजन के फाइनल में चेन्नई सुपर किंग्स और गुजरात टाइटंस के बीच हुए मुकाबले में यह नियम लागू हुआ था। दरअसल, गुजरात टाइटंस ने चेन्नई सुपर किंंग्स को 215 रनों को टारगेट दिया था। लेकिन, मैच के शुरुआत के तीन बॉल बाद ही बारिश शुरू हो गई थी, जिससे मैच में बाधा हुई थी। ऐसे में इस नियम का इस्तेमाल करते हुए सीएसके को 171 रनों का टारगेट मिला, जिसे टीम ने हासिल कर पांचवी बार आईपीएल ट्रॉफी को अपने नाम कर दिया था। इसके बाद गुजरात के कई प्रशंसकों ने इस नियम की आलोचन भी की थी। 

 

क्या होता है  DLS नियम

DLS नियम Duckworth-Lewis-Stern-Method है, जिसका इस्तेमाल मैच की उन स्थितियों में किया जाता है, जब बारिश या फिर अन्य कारण की वजह से सीमित ओवर के मैच में रनों का टारगेट पूरा करना संभव नहीं होता है। इस स्थिति में रनों में संशोधन किया जाता है। 



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किसने बनाया था नियम

यह नियम दो ब्रिटिश सांख्यकिविदों Frank duckworth और Tony lewis द्वारा बनाया गया था। उन्होंने पहली बार इस नियम को 1997 में पेश किया गया था, हालांकि शुरुआत में इस नियम को अपनाया नहीं गया, बल्कि साल 1999 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद(ICC) द्वारा इसे अपनाया गया। वहीं, बाद में एक प्रोफेसर स्टीवन स्टर्न द्वारा इस नियम को डकवर्थ-लुईस-स्टर्न नियम का नाम दिया था। अब यह इसी नाम से पूरी दुनिया में जाना जाता है। 

 

भारत में कब लागू हुआ यह नियम

भारत में इस नियम का इस्तेमाल 2006 में भारत और पाकिस्तान के बीच हो रहे मैच में किया गया था। इस वनडे मैच में भारतीय टीम 328 रन बनाकर ऑल आउट हो गई थी, जबकि पाकिस्तान की ओर से 47 ओवर में सात विकेट खोने के बाद 311 रन बनाए गए थे। इस बीच मैच को रोकना पड़ा और पाकिस्तान को डकवर्थ लुईस नियम के तहत विजेता घोषित किया गया था। आपको बता दें कि साल 2008 में भारत और इंग्ललैंड के बीच हो रहे मैच को बारिश की वजह से 22 ओवर का कर दिया गया था। इस मैच में भारत ने 4 विकेट पर 166 रन बनाए थे, जबकि इंग्लैंड को लुईस नियम लागू कर 198 रनों का लक्ष्य दिया गया, लेकिन वह सिर्फ 171 रन बनाने में सफल रहा और इसके बाद भी हार गया। 

 

भारतीय इंजीनियर ने निकाला है समाधान

इस नियम की खामियों को देखते हुए भारतीय इंजीनियर वी जयदेवन ने इस नियम में नए विकास किए हैं, जिसे VLD नियम भी कहा जाता है। हालांकि, इस नियम को अभी क्रिकेट परिषद की ओर से वैधानिक मंजूरी नहीं मिली है। 

 

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