उत्तर प्रदेश भारत के उत्तर में स्थित एक महत्वपूर्ण राज्य है, जो कि राजनीतिक और भूगौलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस राज्य में कुल 75 जिले हैं और हर जिले की अपनी खासियत और समृद्ध संस्कृति है। इसके साथ ही हर जिले का अपना एक उत्पाद है, जिससे जिले को पहचान मिलती है।
यही वजह है कि संबंधित उत्पाद की खरीदारी के लिए संबंधित जिलों का ही रूख किया जाता है, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ता है। इस कड़ी में एक जिला-एक उत्पाद योजना शुरू की गई थी, जिसके माध्यम से प्रत्येक जिले में स्थानीय उत्पाद की पहचान दी गई थी। क्या आपको पता है कि उत्तर प्रदेश का कौन-सा जिला देशी घी के लिए प्रसिद्ध है। इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
क्या है एक जिला-एक उत्पाद योजना
एक जिला-एक उत्पाद योजना को उत्तर प्रदेश में साल 2018 में लागू किया गया था। इसके तहत हर जिले के अपने उत्पादों को एक पहचान दी गई थी। योजना के प्रमुख उद्देश्य की बात करें, तो स्थानीय हस्तशिल्प व अन्य कला का संरक्षण करने के साथ उनका विकास करना इसके प्रमुख उद्देश्य में शामिल है।
वहीं, इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ेगा और कौशल विकास बेहतर होने के साथ उत्पाद गुणवत्ता भी बेहतर होगी। इससे जिलों से होने वाला विस्थापन भी रूकेगा और उत्पादों को स्थानीय स्तर से ही पहचान मिलेगी।
इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में अलग-अलग उत्पादों की पहचान की गई थी, जिससे जिलों को नई पहचान मिली है।
सबसे अधिक जिलों वाला राज्य
उत्तर प्रदेश देश में एक ऐसा राज्य है, जिसमें सबसे अधिक जिले हैं। इस राज्य में कुल 75 जिले हैं। ऐसे में यह भारत के सबसे बड़े जिलों में से एक है। साल 2011 में हुई जनसंख्या के मुताबिक, यहां की आबादी भारत के अन्य सभी राज्यों से भी सबसे अधिक थी।
कौन-सा जिला देशी घी के लिए है प्रसिद्ध
अब सवाल यह है कि कौन-सा जिला देशी घी के लिए प्रसिद्ध है। आपको बता दें कि वैसे तो पूरे उत्तर प्रदेश में ही पशुपालन होता है और यहां दुध उत्पादों का निर्माण किया जाता है, जिसमें देशी घी भी प्रमुख है। हालांकि, उत्तर प्रदेश का औरेया जिला प्रमुख रूप से देशी घी के लिए जाना जाता है।
देशी घी के लिए क्यों प्रसिद्ध है जिला
17 सितंबर 1997 में इटावा जिले से दो तहसील अलग हुए, जो कि औरेया और बिधुना थे। इनके अलग होने से औरेया एक जिला बना और यहां की अपनी एक अर्थव्यवस्था बनी। उत्तर प्रदेश का यह जिला एक ऐसा जिला बना, जहां पर प्रमुख रूप से पशुपालन होता है।
ऐसे में यहां पर दूध उत्पादन अधिक होता है, जिससे देशी घी बनता है। यहां बने हुए देशी घी की इतनी मांग है कि यहां का घी दूसरे राज्यों में भी भेजा जाता है। यहां पर घी के लघु उद्योग के अलावा चावल और दाल की मिल भी है। साथ ही यहां पर गैस उद्योग भी है। इस जिले में दो तहसील, 7 ब्लॉक और 841 गांव हैं। वहीं, 2558 पंजीकृत उद्योग हैं।
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