Shelly Oberoi: राजनीति में आने से पहले DU में असिस्टेंट प्रोफेसर थी आप की पहली मेयर शैली ओबरॉय

Shelly Oberoi: दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी की ओर से पार्षद शैली ओबरॉय मेयर बनी हैं। वह पार्टी की ओर से पहली मेयर हैं। शैली का कार्यकाल एक साल तक रहेगा। शैली राजनीति में आने से पहले डीयू में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर रह चुकी हैं। इस लेख के माध्यम से हम आपको शैली ओबरॉय के बारे में कुछ तथ्य बताएंगे। जानने के लिए यह लेख पढे़ं।
कौन है शैली ओबरॉय
शैली ओबरॉय पटेल नगर विधानसभा में वार्ड नंबर 88 से पार्षद का चुनाव जीतकर नगर निगम में पहुंची हैं। उन्होंने पीएचडी तक पढ़ाई की हुई है। वहीं, शैली ओबरॉय राजनीति में आने से पहले दिल्ली विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में बच्चों को पढ़ा चुकी हैं। शैली ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय(इग्नू) से दर्शनशास्त्र में डॉक्टरेट की पढ़ाई की है।
इंडियन कॉमर्स एसोसिएशन की सदस्य
शैली ओबरॉय शुरू से ही शैक्षणिक क्षेत्र में सक्रिय रही हैं। वह इंडियन कॉमर्स एसोसिएशन की लाइफटाइम सदस्य भी हैं। उन्होंने अपने जीवन में कई शैक्षणिक अवॉर्ड भी प्राप्त किए हैं।
भाजपा प्रतिद्वंदी को हरा निगम में पहुंची थी शैली
शैली ओबरॉय ने पटेल नगर से नगर निगम चुनाव में अपनी प्रतिद्वंदी भाजपा की ओर से दीपाली कपूर को 269 वोटों से शिकस्त दी थी। शैली को निगम चुनाव में 9987 वोट मिले थे, जबकि दीपाली को 9718 वोटों के साथ हार का मुंह देखना पड़ा था।
10 साल बाद दिल्ली को मिला एक मेयर
दिल्ली में 10 साल बाद दिल्ली को अपना एक मेयर मिला है। इससे पहले दिल्ली के अलग-अलग नगर निगमों में तीन मेयर हुआ करते थे। दरअसल, नगर निगम का गठन 1958 में किया गया था, तब से दिल्ली का एक मेयर हुआ करता था। हालांकि, साल 2012 में नगर निगम को तीन भागों में बांट दिया गया था, जिसके तहत पूर्वी निगम, उत्तरी निगम और दक्षिणी निगम हुआ करते थे। उस समय पूर्वी निगम में 64 वार्ड, उत्तरी और दक्षिणी निगम में 104 वार्ड हुआ करते थे। बीते 10 सालों तक दिल्ली में तीन मेयर रहे। हालांकि, अब 10 साल बाद फिर से दिल्ली को एक मेयर मिल गया है।
250 वार्ड में किस पार्टी ने जीते कितने वार्ड
इस बार दिल्ली नगर निगम में कुल 250 वार्डों में चुनाव हुआ था। इसमें से आम आदमी पार्टी ने 134 वार्डों में जीत हासिली की थी। वहीं, प्रतिद्वंदी पार्टी भाजपा ने 104 सीटों पर जीत हासिल की थी। तीसरी और बड़ी पार्टी कांग्रेस के नौ पार्षदों ने नौ वार्ड में जीत प्राप्त की थी। आपको बता दें कि इससे पहले दिल्ली में बीते 10 सालों में 272 वार्ड हुआ करते थे।
पहला साल महिला पार्षद के लिए आरक्षित
नगर निगम में मेयर के पांच साल के कार्यकाल के दौरान पहला वर्ष महिला श्रेणी के लिए आरक्षित किया गया है।
लंबे समय तक चला था घमासान
दिल्ली नगर निगम मेयर चुनाव में लंबे समय तक घमासान चला था। इस बीच एक बार सदन में बड़ा हंगामा भी हुआ था, जिसमें सदन की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था।
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