कौन हैं शेर सिंह राणा? यहां जानिए फूलन देवी की हत्या की सच्ची कहानी

कौन है शेर सिंह राणा? आख़िर उन्होंने ऐसा क्या किया कि उन पर बायोपिक बनाई जा रही है? हाल ही में विद्युत जामवाल ने आगामी फिल्म 'शेर सिंह राणा' की घोषणा की है. जिसके बाद से ही यह फिल्म विवादों में बनी हुई है. आख़िर ऐसा क्या हुआ कि एक हत्यारें पर बायोपिक बनाई जा रही हैं. क्या है इसके पीछे का सच? ऐसे ही कई सवाल हर किसी के मन में बनें हुए हैं, आइए जानते हैं कि क्या है शेर सिंह राणा की सच्ची कहानी.
कौन है शेर सिंह राणा?
शेर सिंह राणा न केवल विद्युत जामवाल की अपकमिंग फिल्म के ऐक्टर हैं, बल्कि एक व्यक्ति जो भारतीय डकैत से राजनेता बनी फूलन देवी की मौत के लिए जिम्मेदार हैं. हाल ही में विद्युत जामवाल ने अपनी आगामी फिल्म शेर सिंह राणा की घोषणा करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सहारा लिया, जिसके बाद से ही यह फिल्म काफी ट्रोलिंग और चर्चा में है. यह फिल्म एक बायोपिक है. आइए जानते हैं शेर सिंह राणा का वास्तविक नाम, जन्म तिथि, आयु और परिवार के बारे में.
शेर सिंह राणा: वास्तविक नाम, जन्म तिथि, आयु और परिवार
शेर सिंह राणा का वास्तविक नाम पंकज कुमार पुंडीर है. इनका जन्म 17 मई 1976 को हुआ था. इनका जन्म उत्तराखंड के रूड़की के रहने वाले राजपूत परिवार में हुआ था. पेशे से यह राजनितिज्ञ है और इनकी धर्म पत्नी का नाम प्रतिमा सिंह है.
शेर सिंह राणा: संगठनात्मक संघ और कारावास
शेर सिंह राणा राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी या आरजेपी से जुड़े हुए हैं. उन पर भारत की डाकू रानी फूलन देवी की हत्या करने का आरोप था. राणा ने फूलन देवी के नई दिल्ली स्थित घर के बाहर हत्या की थी. उस समय फूलन देवी 13वीं लोकसभा में मौजूदा सदस्य थीं. शेर सिंह राणा ने कोर्ट में फूलन देवी की हत्या करने की बात को कबूल किया था. उसने कोर्ट को बताया कि फूलन देवी की हत्या इसलिए की क्योंकि वह 1970 और 1980 में उनकी जाति (ठाकुर) के 22 लोगों की हत्या के लिए जिम्मेदार थीं. 25 जुलाई 2001 को फूलन देवी की हत्या कर दी गई थी.
शेर सिंह राणा से संबंधित विवाद
फूलन देवी की हत्या के बाद शेर सिंह राणा को जेल की सजा सुनाई गई थी. उसने उसे मारने के बाद 2 दिनों के भीतर आत्मसमर्पण कर दिया था. उसने आत्मसमर्पण करने की पेशकश करके नहीं बल्कि एक दोस्त (संदीप) की मदद से तिहाड़ जेल से भागने में कामयाब होने के बाद सुर्खियां बटोरीं.
17 फरवरी 2004 को वह जेल से फरार हो गया. संदीप ने पुलिसकर्मी का वेश बनाया और राणा को हरिद्वार कोर्ट ले जाने का नाटक किया. भागने के बाद उसने अपने रिश्तेदारों से 1 लाख रुपये प्राप्त किए और भारत से बचने के लिए संजय गुप्ता के नाम से पासपोर्ट बनाया. उस दौरान उनका फाइनेंसर पकड़ा गया लेकिन राणा संजय बनकर बांग्लादेश भाग गया. ट्रैक से दूर रहने के लिए उसने सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल किया. 2006 में कोलकाता से उसे दोबारा गिरफ्तार किया गया था.
शेर सिंह राणा: कंधार से पृथ्वी राज चौहान के अवशेष वापस लाना
शेर सिंह राणा ने गजनी से हिंदू सम्राट पृथ्वी राज चौहान के अवशेषों को वापस लाने के लिए अफगानिस्तान की यात्रा करने का दावा किया है. उन्होंने इसका एक वीडियो भी Youtube पर अपलोड किया लेकिन उसके बाद पकड़ा भी नहीं गया. वह जेल से भाग गया और लगभग 2 वर्षों तक निराधार रहा.
भारत लौटने और कोलकाता पहुंचने के बाद उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन उस समय उनके सम्राट पृथ्वी राज चौहान के अवशेषों को भारत वापस लाने के लिए राष्ट्र द्वारा उनकी सराहना की जा रही थी.
आक्रोश और राजनीतिक जीवन:
14 अगस्त 2014 को उन्हें आजीवन कारावास और 1 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी. हालांकि, तब तक लोगों ने शेर सिंह राणा को हत्यारे के रूप में देखना बंद कर दिया था और हिंदू क्षत्रिय सेना ने भी उनके प्रयासों के लिए उनकी प्रशंसा की थी. उसके बाद शेर सिंह राणा को अंतरिम जमानत दे दी गई. उन्होंने अपनी मां की मदद से पृथ्वी राज चौहान के लिए एक मंदिर बनवाया और वहां राजा के अवशेषों को रखा गया.
2012 में, शेर सिंह राणा ने राष्ट्रवादी जन लोक पार्टी नामक अपनी पार्टी भी बनाई और चुनाव लड़ा, लेकिन व्यर्थ था. उन्होंने 28 फरवरी 2018 को प्रतिमा सिंह से शादी की. उन्होंने जेल में अपनी डायरी लिखी जिसका इस्तेमाल फिल्म के लिए किया गया है. उन्होंने जेल से भागने और फूलन देवी की हत्या के बारे में भी लिखा.