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ChatGPT देगा आपके हर सवाल का जवाब, जानें कैसे

ChatGPT: इन दिनों इंटरनेट पर ChatGPT तकनीक ने हलचल मचा रखी है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या होता है ChatGpt और भविष्य में इस नई तकनीक से क्या बदलाव आएगा, तो आईए जानते हैं विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी विषय से जुड़े चैटजीपीटी के बारे में।

ChatGPT देगा आपके हर सवाल का जवाब, जानें कैसे
ChatGPT देगा आपके हर सवाल का जवाब, जानें कैसे

ChatGPT: इन दिनों इंटरनेट पर ChatGPT तकनीक ने हलचल मचा रखी है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या होता है ChatGpt और भविष्य में इस नई तकनीक से क्या बदलाव आएगा, तो आईए जानते हैं विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी विषय से जुड़े चैटजीपीटी के बारे में।

ChatGPT का पूरा नाम Generative pre-trained transformer-3 है। यह ऐसी तकनीक है, जैसे किसी मशीन में किसी व्यक्ति का ज्ञान, भाव और संवेदनाएं डाली गई हो और मशीन आपसे व्यक्ति की तरह संवाद कर सकेगी। यानि यदि आप चैटजीपीटी से कुछ सवाल पूछेंगे, तो यह आपके सवालों को समझकर जवाब देगी। 

किसने बनाया ChatGPT ?

ChatGPT को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(एआई) शोध कंपनी ओपनएआई ने विकसित किया है। इस तकनीक का पहला संस्करण 2020 में विकसित किया गया था। इसके संस्करणों में सुधार करते हुए कंपनी अब प्रोटोटाइप डायलॉग आधारित संस्करण लेकर आई है। यहां समझना जरूरी है कि प्रोटोटाइप क्या है। 

दरअसल, जब कोई उत्पाद को अंतिम रूप से तैयार  किया जाता है, तो उत्पाद को अंतिम रूप देने से पहले उसके विभिन्न संस्करणों में जो सुधार किए जाते हैं, उसे प्रोटोटाइप कहा जाता है। ऐसे में ChatGPT एक प्रोटोटाइप संस्करण है। कंपनी इसकी कमियों को जानकर उसमें सुधार करेगी, जिसके बाद कुछ सालों में एक अंतिम उत्पाद हम लोगों के सामने होगा। 

किस तरह से करता है काम ?

ChatGPT  को इस तरह से समझिए कि मानों आपके पास कोई समझदार व्यक्ति है, जो आपसे बात कर सकेगा। चैटजीपीटी भाषा को समझ सकता है और आपके सवालों को जवाब दे सकता है। यदि हम चैटजीपीटी पर अपना कोई सवाल लिखकर पूछते हैं, तो यह उन सवालों को समझकर जवाब देगा। वहीं, यदि सवालों में कुछ गलतियां हैं, तो यह उसमें सुधार भी करेगा।

साथ ही यदि आप इससे कोई अनुचित अनुरोध करते हैं, तो यह अनुरोध को अस्वीकार कर देगा। ऐसा भी माना जा रहा है कि भविष्य में आप इससे बोलकर भी बात कर सकेंगे। इसके लिए कंपनी ने 2030 तक का लक्ष्य तय किया है।

क्या-क्या काम कर सकता है ChatGPT?

ChatGPT से आप प्रश्नोत्तर कर सकते हैं। साथ ही पाठ का वर्गीकरण यानि पाठ का भाव विश्लेषण करवा सकते हैं। ChatGPT पाठ बना सकता है और किसी पाठ का सारांश भी लिख सकता है। वहीं, यह किसी नामित ईकाई की पहचान भी कर सकता है।
 उदाहरण के तौर पर यदि आपने इसे कोई लाइन लिखकर दी, तो ChatGPT बता सकता है कि फलां लाइनों को किस लेखक द्वारा लिखा गया था या फिर किस लेख या पुस्तक को कौन से लेखक ने लिखा है। यह उन्नत किस्म की तकनीक पर काम करेगा। 

इसके अलावा यह भाषा का अनुवाद भी कर सकेगा। माना जा रहा है कि यह किसी व्यक्ति द्वारा की जाने वाली भाषा अनुवाद या इससे बेहतर होगा। 

ChatGPT के साथ क्या हैं समस्याएं?

ChatGPT  के प्रयोग को लेकर कुछ समस्याएं भी भी सामने आ रही हैं। लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाओं में बताया कि इसके द्वारा कुछ सवालों को ठीक तरह से उत्तर न देना, बीजगणित के सवालों को ठीक तरह से न बताना और इसका अति आश्वस्त होना भी इसकी समस्याओं का कारण है। हालांकि, यह अभी प्रोटोटाइप संस्करण है, तो इसमें कंपनी लोगों की प्रतिक्रियाओं के आधार पर सुधार करने की बात कह रही है।

क्या होता है आर्टिफिशियल इंटेलिजसेंस ?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(एआई) का युग 1950 के दशक से शुरू हुआ था। साल 1956 में जॉन मैक्कार्थी ने सबसे पहले आर्टिफिशियल इंटिलेजेंस शब्द का इस्तेमाल किया था। वहीं, एआई को लेकर जापान ने काफी काम किया है। 1969 में बनाए गए पहले सामान्य प्रयोजन मोबाइल रोबोट पर 1970 में जापान ने इस पर काम किया। 

वहीं, 1981 सुपर कंप्यूटर के विकास के लिए फिफ्थ जेनरेशन कार्ययोजना बनाई। ब्रिटेन ने एल्वी नाम की परियोजना पर काम किया था। वहीं, यूरोपीय संघ ने भी एस्प्रिट नामक कार्यक्रम की शुरुआत की थी। आगे चलकर 1997 में डीप ब्लू सुपर कंप्यूटर ने शतरंज प्रतियोगिता में मानव बुद्धि को हरा दिया था। यह वह साल था, जब एआई ने मानव बुद्धि पर जीत हासिल की थी। 

इसके बाद साल 2002 में एआई की मदद से सफाई के लिए पहला रोबोटिक वैक्यूम क्लीनर विकसित किया जा चुका है।