Difference: यह अक्सर कहा जाता है कि हमारी सेहत सबसे पहले है। यदि सेहत नहीं तो कुछ नहीं, लेकिन फिर भी हम सेहत को लेकर गंभीर नहीं होते। वहीं, यदि सेहत में बात दिल की करें तो हम अक्सर कुछ फैसले दिल से लेते हैं, लेकिन इसकी सेहत का ध्यान नहीं रखते। इस वजह से कई बार हमें कुछ लोगों के साथ हर्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट सुनने को मिलता है। लेकिन, क्या आप इन दोनों मेडिकल टर्म के बीच अंतर को समझते हैं। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम दोनों मेडिकल टर्म के बीच अंतर को समझेंगे, जिससे आपकी दुविधा दूर होगी।
अक्सर हर्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट को एक दूसरे का पर्यायवाची माना जाता है। हालांकि, इन दोनों के अर्थ अलग हैं और इन दोनों मामलों में ही दिल अलग-अलग अवस्थाओं से गुजरता है।
हार्ट अटैक में क्या होता है ?
दिल का दौरा तब पड़ता है, जब दिल के एक हिस्से में रक्त का प्रवाह रुक जाता है। आमतौर पर यह तब होता है, जब रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियों में अवरुद्ध उत्पन्न होता है। इस अवस्था में हृदय को रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है और फिर पूरी तरह से बंद होने लगती है। ऐसे में दिल की धमनियां मृत होना शुरू हो जाती हैं। इस अवस्था में समय पर इलाज न मिलने पर मौत भी हो सकती है।
क्या होता है कार्डियक अरेस्ट ?
कार्डियक अरेस्ट हार्ट अटैक की तुलना में ज्यादा खतरनाक होता है। इस अवस्था में मौत की अधिक संभावना होती है। यह तब होता है, जब हृदय की विद्युत प्रणाली(इलेक्ट्रिक सिस्टम) फेल हो जाता है। ऐसे में पंपिग गतिविधि में बाधा होने पर यह ऑक्सीजन युक्त रक्त को मस्तिष्क, फेफड़े व अन्य अंगों में पंप करने में असमर्थ होता है।
कार्डियक अरेस्ट होने पर व्यक्ति होश खो देता है और नब्ज भी नहीं चलती है। कार्डियक अरेस्ट होने पर यदि व्यक्ति को कुछ मिनटों में ही सीपीआर या अन्य आपातकालीन उपचार न मिले तो उसकी मौत भी हो सकती है।
यानि दिल का दौरा तब आता है, जब एक अवरुद्ध धमनी खून को हृदय के एक हिस्से तक पहुंचने से रोकती है, जबकि कार्डियक अरेस्ट तब होता है, जब हृदय की विद्युत प्रणाली फेल हो जाती है। यह भी स्पष्ट है कि दिल के दौरे के दौरान हृदय की मांसपेशी मिलने वाले जरूरी रक्त प्रवाह से वंचित हो जाती है। वहीं, कार्डियक अरेस्ट के समय व्यक्ति का हृदय मस्तिष्क सहित पूरे शरीर में रक्त की आपूर्ति करना बंद कर देता है।
आपको यह भी बता दें कि हार्ट अटैक से कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ जाता है। क्योंकि, दिल का दौरा पड़ने से कार्डियक अरेस्ट की रिदम विकसित हो सकती है। ऐसे में कार्डियक अरेस्ट का खतर रहता है।
क्या होते हैं हार्ट अटैक के लक्षण
सांस लेने में कठिनाई
खांसी और घरघराहट
छाती में दर्द
सिर चकराना या चक्कर आना
ज़्यादा पसीना आना
धड़कन
थकान
क्या होते हैं कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
सांस चलना बंद होना
बेहोशी
सांस लेने में कठिनाई
छाती में दर्द
चक्कर आना
कमजोरी
धड़कन
मतली आना
चाहे हार्ट अटैक हो या फिर कार्डियक अरेस्ट, दोनों ही जीवन के लिए खतरनाक हैं। ऐसे में इन दोनों अवस्थाओं के किसी भी तरह के लक्षण होने पर बिना देरी के डॉक्टर के पास जरूर पहुंचें। क्योंकि, इन दोनों मामलों में ही समय की कीमत बहुत होती है। वहीं, इस तरह की बीमारियों से बचने के लिए मधुमेह को बढ़ने से रोकें और ब्लड प्रेशर को संतुलित रखें।
अपने आप को फिट रखने के लिए संतुलित आहार लें और प्रतिदिन कम से कम 45 मिनट का व्यायाम जरूर करें, जिससे शरीर में चुस्ती बने रहे। हम आशा करते हैं कि इस लेख के माध्यम से आप हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट दोनों के बीच अंतर को समझ गए होंगे।
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