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Difference: Section 144 और Curfew में क्या होता है अंतर, जानें

Difference:  जब भी किसी इलाके में हिंसा भड़क जाती है, तो उस इलाके में स्थिति नियंत्रण के लिए धारा 144 लगाई जाती है। साथ ही जरूरत पड़ने पर कुछ परिस्थितियों में कर्फ्यू भी लगाया जाता है। लेकिन, क्या आपको इन दोनों के बीच अंतर पता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से इन दोनों के बीच अंतर समझ सकते हैं। 

Difference:  Section 144 और Curfew में क्या होता है अंतर, जानें
Difference: Section 144 और Curfew में क्या होता है अंतर, जानें

Difference: भारत में सभी लोग आपस में मिल-जुलकर रहते हैं। हालांकि, इसके बावजूद भी कई बार संप्रदायिक तनाव के बीच हिंसा की घटना देखने को मिलती रहती हैं। इसे संभालने के लिए समय-समय पर प्रशासन और पुलिस ने स्थिति को अपने कब्जे में लेकर संभाला है। इसके लिए धारा 144 और कुछ परिस्थितियों में जरूरत पड़ने पर कर्फ्यू लगाया जाता है। लेकिन, क्या आपको इन दोनों के बीच अंतर पता है। यदि नहीं,  तो इस लेख के माध्यम से हम आपको इन दोनों के बीच अंतर बताने जा रहे हैं। 



क्या होती है धारा 144

 

किसी भी इलाके में जब हिंसा भड़कती है, तो उस दशा में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए धारा 144 लगाई जाती है। इसके तहत इलाके में पुलिस की तैनाती की जाती है। साथ ही एक पोस्टर लगाकर लोगों को सूचित भी किया जाता है कि इलाके में धारा 144 लगाई गई है।



धारा 144 में क्या होता है 

 

धारा 144 लागू होने पर इलाके में पांच से अधिक लोगों को इकट्ठा होने की इजाजत नहीं होती है। हालांकि, आप पांच से कम लोगों के साथ इलाके में निकल सकते हैं। लेकिन, यदि आप पांच से अधिक लोग हुए या फिर किसी  भीड़ का हिस्सा बनते हैं, तो आपको इलाके में तैनात पुलिस के जवान टोक सकते हैं। 



नियम तोड़ने पर यह होती है सजा

 

यदि इलाके में पांच व्यक्ति से अधिक का समूह बनता है और वह हिंसा भड़काने में शामिल होते हैं, तो यह नियमों की अवहेलना होती है। ऐसे में  आरोपी व्यक्ति को तीन साल तक के लिए सजा भी हो सकती है। यानि आईपीसी 144 किसी भी इलाके में पांच से अधिक लोगों के समहू को बनने से रोकती है। 



क्या होता है कर्फ्यू 

 

कुछ विशेष और गंभीर परिस्थितियों में प्रशासन की ओर से कर्फ्यू लगाने जैसे निर्णय लिये जाते हैं। इसमें इलाको को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया जाता है। साथ ही सभी लोगों को घरों में रहने के निर्देश दिए जाते हैं। किसी भी व्यक्ति को घर से निकलने की अनुमति नहीं होती।

 

बिना अनुमति के घर से निकले पर यह होगा परिणाम

 

यदि कोई व्यक्ति बिना अनुमति के घर से बाहर निकलता है, तो स्थानीय पुलिस व्यक्ति को जेल भी भेज सकती है। हालांकि, यदि कोई आपात स्थिति है, तो उस मामले में व्यक्ति को छूट दी जा सकती है।

 

सभी प्रकार की सेवाएं होती हैं बंद

 

कर्फ्यू में इलाके में सभी प्रकार की सेवाएं बंद कर दी जाती हैं। यहां तक कि इलाके में मौजूद किराना की दुकान, सब्जी और दूध की दुकान को भी बंद कर दिया जाता है। इसके अलावा सभी प्रकार की सेवाएं भी बंद हो जाती हैं। हालांकि, इलाके में सिर्फ अस्पताल को खुले रहने दिया जाता है। 

 

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