शिक्षा मंत्रालय ने नये आंकडें जारी किये हैं, जिससे पता चलता है कि धीरे-धीरे स्कूल जाने वाले छात्रों का प्रतिशत बढ़ रहा है और स्कूल ड्रापआउट की संख्या कम हो रही है. वर्तमान में उच्च शिक्षा में करीब 4 करोड़ छात्रों ने एडमिशन लिया है. और इसमें से 2 करोड़ से अधिक छात्राएं हैं. जारी डेटा के अनुसार, 2014 के मुकाबले में जीईआर यानी सकल नामांकन अनुपात में 21 फीसदी की वृद्धि हुई है साथ ही 18 से 23 साल के युवाओं के जीईआर में 27.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
शिक्षा मंत्रालय द्वारा 2011 से करवाए जा रहे इस सर्वेक्षण में देश के उच्च शिक्षा संस्थान सम्मिलित होते हैं. ये सर्वेक्षण विभिन्न मानदंडों पर आधारित होता है. जैसे उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों का नामांकन, छात्राओं की संख्या, शिक्षकों का डेटा, उच्च शिक्षा संस्थानों के इंफ्रास्ट्रक्चर संबधित जानकारी, वित्तीय जानकारी आदि.
जारी आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक नामांकन एसटी श्रेणी की छात्राओं के हुए हैं इनकी संख्या अब 63.4 प्रतिशत तक हो गई है. यूपी, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, कनार्टक, राजस्थान ने इसमें बेहतर प्रदर्शन किया है और ये राज्य अब शीर्ष 6 राज्यों में सम्मिलित हो गए हैं. अब उच्च शिक्षा में नामांकन 4.14 करोड़ हो गया है. इस योजना का प्रमुख उद्देश्य 12वीं के बाद उच्च शिक्षा में छात्रों का नामांकन बढ़ाना है. देश में ऐसा पहली बार है कि उच्च शिक्षा का नामांकन 4 करोड़ से अधिक हो गया है. वर्ष 2019-20 में ये आंकड़ा 3 करोड़ पार कर गया था. इस वर्ष नामांकन में छात्राओं की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई है.
एससी श्रेणी में जहाँ छात्रों के नामांकन में 2014 के मुकाबले 28 प्रतिशत की वृद्धि तो वहीँ छात्राओं की संख्या में 38 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. वहीँ ओपन लर्निंग में भी छात्रों की रूचि बढ़ी है इस में छात्रों के नामांकन में 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. साथ ही देश में 70 नये विश्वविद्यालय और 1,453 कॉलेजों की ओपनिंग हुई है. देश भर के उच्च शिक्षा संस्थानों में 47,914 नये शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. देश में 79.06% छात्र ग्रेजुएशन में और 11.5 प्रतिशत छात्र पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे हैं. सबसे अधिक छात्र ऑर्ट्स में 33.5 प्रतिशत, फिर विज्ञान में 15.5 प्रतिशत, और सबसे कम कॉमर्स में 13.9 प्रतिशत, जबकि इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी में 11.9 प्रतिशत छात्र शिक्षा ले रहे हैं.