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IAS Success Story: Hospital में दिन-रात की पढ़ाई, Doctor से IAS बनीं अक्षिता गुप्ता

IAS Success Story: अक्षिता गुप्ता ने अपने एमबीबीएस के तीसरे वर्ष से ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी। उन्होंने अस्पताल में पढ़ाई के दौरान दिन-रात मेहनत कर सिविल सेवा परीक्षा में 69वीं रैंक हासिल की और डॉक्टर से आईएएस बन गई। 

IAS Success Story: Hospital में दिन-रात की पढ़ाई, Doctor से IAS बनीं अक्षिता गुप्ता
IAS Success Story: Hospital में दिन-रात की पढ़ाई, Doctor से IAS बनीं अक्षिता गुप्ता

IAS Success Story: यदि मन में कोई लक्ष्य तय कर लिया जाए और मेहनत का रास्ता अपनाया जाए, तो तय लक्ष्य तक पहुंचा जा सकता है। हमें इसके लिए कड़ी मेहनत की जरूरत होती है। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को पास करना आसान नहीं है। यही वजह है कि हर साल इसे देश के विभिन्न राज्यों से विभिन्न पेशे से जुड़े लोग देते हैं और कुछ ही लोगों को सफलता मिलती है। इस लेख के माध्यम से हम आपको डॉक्टर से आईएएस बनी अक्षिता गुप्ता के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अस्पताल में रहते हुए एमबीबीएस के तीसरे वर्ष से सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी थी और उन्होंने साल 2020 की सिविल सेवा परीक्षा मे 69वीं रैंक के साथ आईएएस बनने का सपना पूरा किया। 

 

अक्षिता का परिचय

अक्षिता गुप्ता मूल रूप से अंबाला की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा के बाद चंडीगढ़ के सरकारी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। अक्षिता के परिवार में माता-पिता दोनों ही शिक्षक हैं, जबकि भाई ने आईआईटी बांबे से बीटेक किया है। 

 

एमबीबीएस के साथ की यूपीएससी की तैयारी

अक्षिता गुप्ता ने एक साक्षात्कार में बताया कि वह जब एमबीबीएस के तीसरे वर्ष में थी, तभी से यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी कर रहीं थी। उन्होंने तय कर लिया था कि वह आगे चलकर आईएएस अधिकारी बनेंगी। 

 

अस्पताल में रहते हुए करती थीं तैयारी

अक्षिता जब पढ़ रहीं थी, तभी से वह यूपीएससी की तैयारी कर रही थी। इस दौरान वह अस्पताल में रहते हुए भी अपनी पढ़ाई नहीं रोकती थी, बल्कि अस्पताल में भी थोड़ा समय मिलने पर वह रिविजन किया करती थीं। अक्षिता पूरे दिन में 13 से 14 घंटे तक अध्ययन करती थीं। 



मेडिकल विषय को बनाया ऑप्शनल सबजेक्ट

अक्षिता मेडिकल की छात्र थी, इसलिए उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा की मेंस परीक्षा में ऑप्शनल सबजेक्ट में मेडिकल विषय को ही चुना। क्योंकि, उन्होंने इस विषय को पहले भी पढ़ा था, जिससे उन्हें अलग से मेहनत करने की आवश्यकता नहीं पड़ीं। उन्होंने यूपीएससी के सिलेबस के अनुसार अपनी मेडिकल की किताबों में से कुछ पन्नों को फाड़कर अलग कर दिया था, जिसे बाद में जोड़कर एक किताब बना ली थी, जिससे वह सिलेबस के अनुरूप ही पढ़ सके। 



पहले प्रयास में ही पाई 69वीं रैंक

अक्षिता गुप्ता ने सिविल सेवा के लिए कड़ी मेहनत की थी। उन्होंने साल 2020 की सिविल सेवा परीक्षा में पहला प्रयास किया और अपने पहले प्रयास में ही वह सिविल सेवाओं के तीन चरणों यानि प्रिलिम्स, मेंस व इंटरव्यू को पार करते हुए 69वीं रैंक लाकर आईएएस बनने में सफल रहीं। अक्षिता ने इंटरव्यू की तैयारी के लिए कुछ मॉक इंटरव्यू भी दिए थे। इसका उन्हें यूपीएससी के इंटरव्यू में फायदा मिला। आईएएस बनने पर अक्षिता को पंजाब कैडर मिला है। वह सोशल मीडिया पर भी सक्रिय हैं। इंस्टाग्राम पर उनके 20 हजार से अधिक फॉलोअर्स हैं। 

 

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