IAS Success Story: संघ लोक सेवा आयोग(UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा में हर साल लाखों युवा प्रयास करता है, लेकिन हर कोई सफलता के मुकाम पर नहीं पहुंचता है। क्योंकि, इस परीक्षा का पास करने का प्रतिशत बहुत कम है। यही वजह है कि यह परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में शामिल है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा की रहने वाली नम्रता जैन की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने सिविल सेवा परीक्षा को पास कर पहले आईपीएस बनने का सफर पूरा किया और फिर आईएएस बनकर सफलता का दूसरा मुकाम हासिल किया।
नम्रता का परिचय
नम्रता मूल रूप से छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र गीदम शहर की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा अपने शहर से ही पूरी की। हाईस्कूल की पढ़ाई के लिए वह दुर्ग गई। वहीं, 12वीं तक की पढ़ाई करने के बाद वह भिलाई चली गई। यहां से उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
पहले प्रयास में फेल, दूसरे प्रयास में बनीं आईपीएस
नम्रता जैन ने अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद यूपीएससी की तैयारी की और साल 2015 में अपना पहला प्रयास किया। इसमें वह फेल हो गईं। हालांकि, उन्होंने हार मानने के बजाय अपनी तैयारी को जारी रखा। नम्रता ने साल 2016 में फिर से परीक्षा दी और इस बार उन्होंने परीक्षा पास की। यूपीएससी की ओर से उन्हें आईपीएस सेवा मिली व मध्यप्रदेश कैडर मिला।
साल 2018 में 12वीं रैंक के साथ बनीं आईएएस
नम्रता जैन बेशक आईपीएस अधिकारी बन गई थी, लेकिन उनके मन में आईएएस बनने का सपना था। ऐसे में वह सिर्फ आईपीएस बनकर संतुष्ट नहीं हुई। उन्होंने अपनी तैयारी को जारी रखा और पूरी तैयारी के साथ साल 2018 की परीक्षा दी। इस बार उन्होंने 12वीं रैंक के साथ परीक्षा को पास किया और आईएएस अधिकारी बन गईं।
पढ़ाई के लिए घर से किया 400 किमी तक का सफर
नम्रता के परिवार ने एक साक्षात्कार में बताया कि नम्रता शुरू से ही पढ़ाई को लेकर गंभीर थी। उन्होंने अपने घर से पहले दुर्ग और फिर भिलाई तक का सफर किया। इसके बाद वह यूपीएससी के माध्यम से मध्यप्रदेश पहुंची। यही वजह रही कि उन्होंने कभी भी घर से दूर जाने को लेकर कभी समस्या नहीं समझा। यही वजह है कि आज वह आईएएस अधिकारी बन गई हैं।
सोशल मीडिया पर हैं सक्रिय
नम्रता जैन सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहती हैं। उन्होंने कुछ समय पहले अपने सोशल मीडिया पर बंदूक और पहाड़ी क्षेत्र में बाइक चलाने की फोटो पोस्ट की थी, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया। वहीं, नम्रता के पति आईपीएस अधिकारी हैं। नम्रता की कहानी हमें बताती है कि यदि हम अपने लक्ष्य के प्रति प्रयासरत हैं, तो इस बात की अधिक संभावना है कि हम अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। इसके लिए हमें लगातार मेहनत और प्रयास करते रहने की जरूरत है।