1. Home
  2. Hindi
  3. Indian Railway: बिजली कटने पर भी नहीं रूकता रेलवे का यह लोकोमोटिव, 135 किमी प्रतिघंटा है रफ्तार

Indian Railway: बिजली कटने पर भी नहीं रूकता रेलवे का यह लोकोमोटिव, 135 किमी प्रतिघंटा है रफ्तार

Indian Railway: भारतीय रेलवे ने एक ऐसा लोकोमोटिव तैयार किया है, जो बिजली कटने पर भी नहीं रूकेगा, बल्कि चलता रहेगा। यह लोकोमोटिव 135 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल सकता है। खास बात यह है कि इसे पैसेंजर व मालगाड़ी, दोनों के लिए ही तैयार किया गया है। 

ड्यूल मोड लोकोमोटिव
ड्यूल मोड लोकोमोटिव

Indian Railway: भारतीय रेलवे में लोकोमोटिव का विशेष स्थान है, जो कि ट्रेन को एक गंतव्य से दूसरे गंतव्य तक पहुंचाने का काम करते हैं। रफ्तार भरने के साथ सवारी से लेकर सामान को समय पर पहुंचाने का काम डीजल और इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव कर रहे हैं। हालांकि, कुछ जगहों पर बिजली की व्यवस्था न होने का कारण ट्रेन को रोककर डीजल लोकोमोटिव से बदला जाता है। हालांकि, अब रेलवे ने इसका समाधान निकाल लिया है, जिससे ट्रेन बिना रूके ही चलती रहेगी। यानि यदि बिजली कट भी जाए तब भी लोकोमोटिव दौड़ता रहेगा और ट्रेन अपने निर्धारित समय पर ही पहुंचेगी। इसके लिए रेलवे ने एक लोकोमोटिव तैयार किया है। जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें। 

 

WDAP-5 लोकोमोटिव किया है तैयार

भारतीय रेलवे ने डब्ल्यूडीएपी-5 लोकोमोटिव तैयार किया है, जिसे वाराणसी रेलवे के इंजीनियरों की मदद से बनाया गया है। दरअसल, यह लोकोमोटिव ड्यूल मोड में है। यानि, यह लोकोमोटिव डीजल और बिजली दोनों से ही चल सकता है। अपने ड्यूल मोड के कारण ही यह खास है। क्योंकि, बाकी लोकोमोटिव सिंगल मोड पर ही काम करते हैं। 

 

डीजल लोकोमोटिव को इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव का दिया रूप

भारतीय रेलवे ने इसके लिए काफी विचार विमर्श करने के बाद एक डीजल लोकोमोटिव का चयन किया, जिसे डीजल के साथ-साथ इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव में परिवर्तित किया गया। अब सवाल है कि आखिर डीजल लोकोमोटिव ही क्यों चुना गया, तो आपको बता दें कि डीजल लोकोमोटिव में एक जेनरेटर, फ्यूल टैंक व कंवर्टर की वजह से अधिक खर्चा आता है। ऐसे में यदि किसी इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव में यह सब लग लगाया जाता, तो रेलवे को इसका खर्च अधिक पड़ता। ऐसे में रेलवे ने डीजल लोकोमोटिव में ही एक पेंटोग्राफ और ट्रांसफॉर्मर समेत कुछ अन्य उपकरण लगाकर डीजल लोकोमोटिव को इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव का भी रूप दे दिया। 

 

इतनी पड़ी कीमत 

एक डीजल लोकोमोटिव की कीमत भारतीय रेलवे को 13 करोड़ रुपये पड़ती है। ऐसे में इस ड्यूल मोड के लोकोमोटिव को तैयार करने में भारतीय रेलवे को करीब 18 करोड़ रुपये की कीमत पड़ी, जिससे रेलवे का कम खर्च में ही ड्यूल मोड लोकोमोटिव तैयार हो गया। 

 

135 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ सकता है लोकोमोटिव

भारतीय रेलवे का यह लोकोमोटिव 135 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ सकता है। हालांकि, अलग-अलग रूट पर रेलवे ने इसकी गति सीमा तय की हुई है। 

 

4500 हॉर्स पावर के साथ इतना है वजन

रेलवे का यह ड्यूल मोड लोकोमोटिव 4500 हॉर्स पावर की क्षमता रखता है, जिससे पैसेंजर के साथ मालगाड़ी को भी खींचा जा सके। इसके वजन की बात करें तो वह करीब 130 टन है। रेलवे को इसका वजन भी संतुलित रखना था। ऐसे में रेलवे ने डीजल टैंक को 6000 लीटर से घटाकर 3000 लीटर किया। क्योंकि, लोकोमोटिव का वजन 130 टन से अधिक नहीं होना चाहिए।  



पढ़ेंः Indian Railway: यात्रा में किस ट्रेन में बदले जाते हैं सबसे अधिक लोकोमोटिव, जानें