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Indian Railway: रेलवे प्लेटफॉर्म पर Red से Blue क्यों हो रहा है LED घड़ी का रंग, जानें

Indian Railway: आपने रेलवे स्टेशनों पर एलईडी घड़ी को लाल रंग में समय दर्शाते हुए देखा होगा। हालांकि, कुछ जगहों पर अब यह रंग लाल के बजाय नीला है। इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों इस रंग को बदला जा रहा है।

Indian Railway: रेलवे प्लेटफॉर्म पर Red से Blue क्यों हो रहा है LED घड़ी का रंग, जानें
Indian Railway: रेलवे प्लेटफॉर्म पर Red से Blue क्यों हो रहा है LED घड़ी का रंग, जानें

Indian Railway: भारतीय रेलवे देश में यात्रा का प्रमुख साधन है। इसके साथ ही एक जगह से दूसरी जगह सामान पहुंचाने के लिए भी भारतीय रेलवे का इस्तेमाल होता है। आप जब भी कभी रेलवे स्टेशन पर पहुंचते होंगे, तो रेलवे प्लेटफॉर्म पर लगी एलईडी लाइट को देखते होंगे, जिसमें लाल रंग से समय दिखाई देता है। वहीं, प्लेटफॉर्म पर आने के दौरान कोच का स्थान बताने के लिए कोच इंडिकेटर लगे होते हैं, जो लाल रंग में होते हैं। हालांकि, अब इनका रंग नीला और सफेद किया जा रहा है। लेकिन, क्या आपको पता है कि आखिर भारतीय रेलवे इन रंगों को क्यों बदल रहा है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम आपको इन रंगों के बदलने का कारण बताएंगे। जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।  



क्या होती है एलईडी घड़ी

रेलवे प्रत्येक स्टेशन पर समय बताने के लिए Light-emitting diode घड़ी का इस्तेमाल करता है। एलईडी एक सेमिकंडक्टर उपकरण होता है, जिसमें से करंट गुजरने से यह लाइट उत्पन्न करता है। ऐसे में रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म की शुरुआत और अंत में एलईडी घड़ियों का इस्तेमाल करता है, जिससे यात्रियों को समय का पता चलता रहे।

 

क्या होता है कोच इंडिकेटर

भारतीय रेलवे अमूमन बड़े स्टेशनों पर पैसेंजर ट्रेन के कोच का स्थान बताने के लिए कोच इंडिकेटर का इस्तेमाल करता है। यह एक छोटा उपकरण होता है, जिसमें कोच का नंबर लिखा होता है। ऐसे में रेलवे यात्रियों को ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर पहुंचने से पहले ही पता चल जाता है कि ट्रेन का कौन सा कोच किस जगह पर आकर रूकेगा। 

 

लाल रंग को नजरअंदाज कर आगे बढ़ते हैं लोको-पायलट

ट्रेन जब प्लेटफॉर्म पर पहुंच रही होती है, तो यह लाल रंग दूर से ही ट्रेन के लोको-पायलट को नजर आ जाता है। हालांकि, यह रंग घड़ी में होता है, इसलिए लोको-पायलट इस रंग को नजरअंदाज करते हुए प्लेटफॉर्म की ओर बढ़ते हैं। वहीं, कई बार कुछ लोको-पायलट दूर से लाल रंग देखकर कई बार भ्रम में पड़ जाते हैं। क्योंकि, लाल रंग का मतलब रूकने से होता है। ऐसे में कई बार लोको-पायलट लाल रंग की वजह से जहां ट्रेन का रूकना भी नहीं होता है, वहां ट्रेन की रफ्तार धीमी कर लेते हैं। 



धोखे से पार न हो लाल रंग 

रेलवे में लोको-पायलट को स्टेशनों पर पहुंचने के दौरान घड़ियों व कोच इंडिकेटर में लाल रंग को नजरअंदाज कर आगे बढ़ने की आदत है। ऐसे में इस आदत का मनोवैज्ञानिक रूप से भी असर पड़ता है, जिससे कभी भी भविष्य में हादसा होने का खतरा रहता है। इस खतरे को भांपते हुए रेलवे ने प्लेटफॉर्म पर दिखने वाले इन लाल रंगों को बदलने को निर्णय लिया है। इसके तहत लाल घड़ियों को नीले रंग में बदला जा रहा है, जिससे लोको-पायलट को लाल रंग को नजरअंदाज करने की आदत न हो। 



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