पूरे विश्व में इस समय लोगों की संख्या आठ बिलियन पहुंच गई है और यह जनसंख्या साल दर साल बढ़ती ही जा रही है। इसमें भी चीन और भारत सर्वोच्च पायदान पर बने हुए हैं। हालांकि, कई रिपोर्ट यह कहती है कि जिस तरह से भारत में जनसंख्या का ग्राफ बढ़ रहा है। इसको देखते हुए भारत जल्द ही चीन को पीछे छोड़ देगा और पहले पायदान पर पहुंच जाएगा।
क्या आपको पता है कि भारत में अकेले कुछ ऐसे राज्य हैं, जिनकी जनसंख्या दूसरे कई देशों के बराबर है। यदि आपको यह नहीं पता है तो आज इस लेख के माध्यम से हम आपको भारत के कुछ ऐसे ही राज्यों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी जनसंख्या की तुलना दूसरे देशों की जनसंख्या से की गई है। तो आइये जानते हैं भारत के किस राज्य में कितनी है जनसंख्या है और किस देश के बराबर है यह आंकड़ा।
भारत में उत्तरप्रदेश राज्य प्रमुख राज्य है। जितना बड़ा है यह राज्य है, उतनी ही अधिक यहां की जनसंख्या भी है। साल 2022 तक राज्य में रहने वाले लोगों की कुल संख्या 232 मिलियन है, जो कि पूरे दुनिया में सबडिविजन के रूप में सबसे अधिक है। वहीं, भारक के उत्तर-पूर्वी राज्य सिक्किम में केवल 0.7 मिलियन लोग रहते हैं, जो कि पूरे देश में सबसे कम है।
भारत के राज्यों में इतने लोग रहते हैं कि यदि इन राज्यों को देश बना दिया जाए, तो यह पूरे दुनिया में 20 सबसे जनसंख्या वाले देश घोषित किये जा सकते हैं।
कई भारतीय राज्य महाराष्ट्र (जापान), पश्चिम बंगाल (मिस्र) और तमिलनाडु (जर्मनी) सहित कुछ बहुत बड़े देशों के साथ जनसंख्या के मामले में समान रूप से मेल खाते हैं। उत्तरप्रदेश की जनसंख्या (ब्राजील + चिली) के बराबर है, जो कि पड़ोसी देश पाकिस्तान के भी लगभग बराबर है। वहीं, कनाडा या ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले लोगों की संख्या भारत के एक छोटे से भारतीय राज्य के बराबर हैं।
2023 तक दुनिया में सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बनने की राह पर भारत
भारत की जनसंख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। इसके कुछ राज्यों में इतने लोग रहते हैं कि वह कई देशों के बराबर है। अधिक जनसंख्या होने का कारण संसाधनों पर भी प्रभाव पड़ता है। क्योंकि, उपयोग के लिए संसाधनों पहुंच सीमित है, जबकि इसके उपयोग की मांग अधिक है। संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के अनुसार, भारत 2023 में दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बनने की राह पर है। यदि ऐसा होता है, तो फिर जनसंख्या के मामले में चीन की जगह पहले पायदान पर भारत का नाम लिया जाएगा।
भारत में जनसंख्या वृद्धि के हैं यह कारण
भारत की जनसंख्या वृद्धि कई कारकों से प्रेरित है, जिनमें मृत्यु दर में गिरावट, जीवन प्रत्याशा में वृद्धि और उच्च जन्म दर शामिल है, जबकि शहरीकरण और गर्भनिरोधकों तक बढ़ती पहुंच जैसे कारकों के कारण हाल के वर्षों में भारत की जनसंख्या वृद्धि धीमी भी हुई है। हालांकि, इन सभी कारकों के बावजूद देश की जनसंख्या के भविष्य में महत्वपूर्ण दर से बढ़ने की उम्मीद है। यही वजह है कि संयुक्त राष्ट्र ने भी अनुमान लगाया है कि भारत जनसंख्या के मामले में चीन को भी पीछे छोड़ देगा।
भारत के राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के जनसंख्या की अन्य देशों की जनसंख्या से तुलनाः
राज्य |
जनसंख्या(2022) |
देश |
जनसंख्या(2022) |
उत्तरप्रदेश |
232 |
ब्राजिल + इक्वेडोर |
234 |
बिहार |
129 |
मेक्सिको |
132 |
महाराष्ट्र |
125 |
जापान |
126 |
पश्चिम बंगाल |
101 |
मिस्र |
107 |
मध्यप्रदेश |
85 |
टर्की |
87 |
तमिलनाडु |
84 |
जर्मनी |
84 |
राजस्थान |
80 |
यूक्रेन + पोलैंड |
81 |
गुजरात |
70 |
थाईलैंड |
70 |
कर्नाटक |
70 |
लंदन |
69 |
आंध्रप्रदेश |
54 |
म्यांमार |
55 |
ओड़िसा |
47 |
स्पेन |
47 |
झारखंड |
40 |
इराक |
42 |
तेलांगाना |
38 |
मलेशिया + सिंगापुर |
39 |
असम |
36 |
कनाडा |
39 |
केरल |
35 |
साउदी अरब |
36 |
छत्तीसगढ़ |
32 |
पेरू |
34 |
पंजाब |
31 |
ऑस्ट्रेलिया + न्यूजीलैंड |
31 |
हरियाणा |
29 |
वेनुजुएला |
28 |
दिल्ली |
19 |
रोमानिया |
19 |
जम्मू-कश्मीर |
15 |
जिंबाववे |
15 |
उत्तराखंड |
12 |
बोलिविया |
12 |
हिमाचल प्रदेश |
7.5 |
हांग कांग |
7.6 |
त्रिपुरा |
4.2 |
क्रोशिया |
4.0 |
मेघालय |
3.8 |
एरिट्रिया |
3.7 |
मणिपुर |
3.4 |
उरुग्वे |
3.5 |
नागालैंड |
2.1 |
स्लोवेनिया |
2.1 |
पुड्डुचेरी |
1.6 |
बहरीन |
1.8 |
अरुणाचल प्रदेश |
1.7 |
लातविया |
1.8 |
गोवा |
1.5 |
इक्वेटोरियल गिनी |
1.5 |
मिजोरम |
1.3 |
एस्टोनिया |
1.3 |
चंडीगढ़ |
1.2 |
सिपरस |
1.3 |
दादर एवं नागर हवेली व दमन और दीव |
0.8 |
गयाना |
0.8 |
सिक्किम |
0.7 |
मकाउ |
0.7 |
अंडमान एवं निकोबार आइलैंड |
0.4 |
बहामास |
0.4 |
लक्षद्वीप |
0.07 |
केमैन आइलैंड्स |
0.07 |
नोटः टेबल में दिए गए जनसंख्या के आंकड़े मिलियन में हैं।