घर से बाहर जाते वक़्त अगर हमारे पास पानी नहीं होता तो हम पैक्ड पानी की बोतल खरीदते हैं जिसमें अधिकाँश लोगों का भरोसा केवल बिसलेरी ही होता हैं. बिसलेरी का इतिहास भारत में लगभग 50 साल पुराना है और भारतीय इंडस्ट्री में इस पैक पानी की बोतलों को लाने का श्रेय रमेश चौहान को जाता है.
कैसे हुई बिसलेरी की शुरुआत
वर्ष 1969 में रमेश चौहान ने इतालवी कंपनी को बिसलेरी को खरीदा था जिस वक़्त उनकी उम्र महज़ 28 साल थी. रमेश चौहान ने इस कंपनी को केवल 4 लाख में खरीदा था. रमेश चौहान ने इस कंपनी में अपनी जवानी से लेकर बुढ़ापे तक की मेहनत लगाई है जिस कारण आज के समय में इस कंपनी की कीमत हजारों करोड़ में है.
क्यों बिकने वाली है बिसलेरी
रमेश चौहान की उम्र अब 82 वर्ष हो चुकी है और उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता जिस कारण उनका कहना है की वह अब इस कंपनी का भार उठाने में सक्षम नहीं हैं और उनके पास इस कंपनी का कोई उत्तराधिकारी भी नहीं है क्योंकि उनकी महज़ एक बेटी है जयंती चौहान,जो इस कंपनी को संभालने में ख़ास दिलचस्पी नहीं रखती.
कौन है जयंती चौहान ![]()
source: ground report
जयंती चौहान बिसलेरी कंपनी के मालिक रमेश चौहान की इकलौती बेटी हैं. जयंती का बचपन दिल्ली, मुंबई व न्यूयॉर्क में गुज़रा है. वर्तमान में जयंती की आयु 37 वर्ष है और उन्होंने बिसलेरी कंपनी में वाइस चेयरपर्सन का कार्यभार संभाला हुआ है.
जयंती ने शुरूआती पढ़ाई दिल्ली से की है जिसके बाद वह फैशन डिज़ाइनिंग कोर्स के लिए लंदन चली गयीं जहाँ से उन्होंने फैशन डिज़ाइनिंग में ग्रेजुएशन की. जयंती ने लंदन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडी से अरबी की डिग्री भी हासिल की है.
बिसलेरी को आगे बढ़ाने में जयंती का हाथ
जयंती महज़ 24 वर्ष की आयु से अपने पिता की कंपनी बिसलेरी को संभाल रही हैं. अपने शुरूआती दौर में जयंती ने दिल्ली स्थित ऑफिस की ज़िम्मेदारी उठायी थी और उसके बाद वर्ष 2011 में मुंबई स्थित ऑफिस की ज़िम्मेदारी भी उन्ही के कंधों पर आ गयी थी.
जयंती ने इस ब्रांड का कार्यभार केवल देश में ही नहीं संभाला बल्कि वैश्विक स्तर पर भी जयंती ने इस ब्रांड को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है.
जयंती ने किया कंपनी संभालने से इंकार
बिसलेरी की वाइस चेयरपर्सन जयंती इस कंपनी को आगे संभालने में ख़ास दिलचस्पी नहीं रखती हैं और न ही वह इस कारोबार को लेकर किसी प्रकार की उत्सुकता रखती हैं.
गौरतलब है की कंपनी के मालिक रमेश चौहान का कहना है की वह अभी कंपनी को बेचने के बारे में महज़ बातचीत कर रहे हैं लेकिन अभी तक किसी भी डील पर मोहर नहीं लगाई गयी है. बताया जा रहा है की कंपनी की डील 7000 करोड़ में तय की जा सकती है.