प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक संकल्प लिया था कि वह मातृभाषा में शिक्षा के अवसर देंगे और अब उनका यह संकल्प हकीकत बनने की ओर अपने कदम बढ़ा रहा है . शिक्षा के जगत में यह एक ऐतिहासिक कदम माना जाएगा . अक्सर यह देखा गया है कि शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में जितने उच्च स्तर पर जाते हैं वहां अंग्रेज़ी का प्रचलन उतना ही अधिक होता है जिस कारण वह छात्र जिनमें प्रतिभा तो बहुत है मगर अंग्रेज़ी न आने के कारण पीछे रह जाते हैं लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने यह संकल्प लिया था की वह उच्च शिक्षा को भी मातृभाषा में उपलब्ध कराएंगे क्योंकि अंग्रेजी केवल संचार का साधन है इसलिए महज़ अंग्रेज़ी न आने से देश में मौजूद प्रतिभा को नज़रअंदाज़ नही किया जा सकता .
मध्यप्रदेश ने करी MBBS हिंदी में करवाने की शुरुआत
मातृभाषा में मेडिकल और तकनीकी पढ़ाई के अवसर प्रदान करने की शुरूआत हो चुकी है .मध्यप्रदेश वो पहला राज्य है जिसनें 16 अक्टूबर को MBBS का पाठ्यक्रम हिंदी में शुरु किया है . गृहमंत्री अमित शाह ने इसे एक महत्वपूर्ण दिन बताया है.
पहली बार हिंदी में प्रकाशित हुई मेडिकल की
अब तक मेडिकल की सभी किताबें केवल अंग्रेजी में ही प्रकाशित की जाती थी लेकिन यह पहली बार है की देश में हिंदी भाषा में मेडिकल की किताबें प्रकाशित की गयी हैं. हालंकि यह किताबें अंग्रेजी से ही रूपांतरित की गयी हैं जिसके लिए 97 डॉक्टरों के दल ने काम किया है . जिन मेडिकल किताबों को अंग्रेज़ी से हिंदी में रूपांतरित किया गया है उनके नाम एनाटॉमी, फिजियोलॉजी व बायो केमिस्ट्री है.
गृहमंत्री ने की सराहना
देश में पहली बार मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में शुरू हो रही है, भोपाल (मध्य प्रदेश) में इसका शुभारंभ करते हुए… https://t.co/QgJGqYOAke
— Amit Shah (@AmitShah) October 16, 2022
प्रधानमंत्री मोदी के इस संकल्प को सराहते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है की मेडिकल शिक्षा में छात्र की मातृभाषा को प्राथमिकता देकर माननीय प्रधानमंत्री ने एतिहासिक कदम उठाया है. PM मोदी की इस इच्छा को मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने पूरा किया है.
गृहमंत्री अमित शाह का कहना था की 21वीं सदी में कुछ ताकतों में ब्रेन ड्रेन जैसे सिद्धांत को अपनाया लेकिन प्रधानमंत्री मोदी इस ब्रेन ड्रेन के सिद्धांत को ब्रेन गेन में बदल रहे हैं . इस पहल की सराहना करते हुए उन्होंने बताया कि मोदी जी के नेतृत्व में नई शिक्षा नीति के माध्यम से भाषाओं को महत्त्व दिया जा रहा है जिसके चलते कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट ( CUET ) को भी 12 भाषाओं में आयोजित किया जा रहा है.
इंजीनियरिंग भी कर सकेंगे हिंदी में
प्रधानमंत्री मोदी ने हिंदी समेत अन्य भाषाओं में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई का आह्वान किया था जिसके चलते देशभर में 8 भाषाओं में इंजीनियरिंग की किताबों का अनुवाद शुरू हो गया है और कुछ ही समय में इंजीनियरिंग की यह पढ़ाई जो अब तक केवल अंग्रेज़ी में होती है उसे भी हिंदी में किया जा सकेगा .