IPS Success Story: कहते हैं हिम्मत रखने के साथ मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती। अपनी मंजिल के प्रति कर्तव्य निष्ठ होकर मेहनत करते रहने से सफलता मिलती है। फिर चाहे आप जीवन में किसी भी मुकाम पर हो, दृढ़ निश्चयता से बड़े मुकाम को हासिल किया जा सकता है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से प्रहलाद मीणा की कहानी बताएंगे, जिन्होंने रेलवे में गैंगमैन से लेकर आईपीएस अधिकारी तक का सफर पूरा किया। प्रहलाद की यह कहानी आपको प्रेरित कर सकती है, तो आइये पढ़ते हैं प्रहलाद के जीवन संघर्ष के बारे में।
प्रहलाद मीणा का परिचयः
मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले प्रहलाद मीणा का जन्म एक गरीब किसान परिवार में हुआ था। मीणा के आसपास का माहौल ऐसा था, जिसमें पढ़ाई को बिल्कुल भी महत्व नहीं दिया जाता था। हालांकि, उनके माता-पिता पढ़ाई का महत्व समझते थे और वे नहीं चाहते थे कि उनका बेटा बड़ा होकर मजदूरी करे। इसके लिए उन्होंने अपने बेटे को पढ़ाने का निश्चय लिया। मीणा ने अपनी 10वीं तक की पढ़ाई गांव के ही सरकारी स्कूल से पूरी की।
10वीं में स्कूल में मिला पहला स्थान
मीणा के मुताबिक, जब 10वीं कक्षा का परिणाम आया, तो उन्हें स्कूल में पहला स्थान मिला। उनका बड़े होकर इंजीनियर बनने का सपना था। ऐसे में लोगों ने उन्हें करियर में आगे साइंस विषय के साथ पढ़ने का सुझाव दिया। हालांकि, परिवार की आर्थिक हालत ऐसी नहीं थी कि वे उन्हें साइंस विषय के साथ पढ़ा सके। वहीं, गांव के आस-पास कोई ऐसा स्कूल भी नहीं था, जिसमें साइंस स्ट्रीम हो। ऐसे में उन्हें आर्ट्स स्ट्रीम के साथ समझौता करना पड़ा।
रेलवे में गैंगमैन के रूप में लगी पहली सरकारी नौकरी
मीणा के मुताबिक, जब वह पढ़ रहे थे, तब गांव के ही एक लड़के का चयन भारतीय रेलवे में ग्रुप डी के तहत गैंगमैन पद पर हुआ था। इसके बाद उन्होंने भी रेलवे में गैंगमैन बनने का निश्चय लिया और अपनी तैयारी में लग गए। वह जब बीए द्वितीय वर्ष में पढ़ रहे थे, तब उन्होंने रेलवे ग्रुप डी की परीक्षा पास कर ली थी, जिसके बाद उनका चयन रेलवे के भुवनेश्वर बोर्ड में गैंगमैन के रूप में हो गया। हालांकि, वह यहां रूके नहीं बल्कि अपनी तैयारी में लगे रहे और कर्मचारी चयन आयोग(एसएससी) द्वारा आयोजित होने वाली संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा पास कर रेल मंत्रालय में सहायक अनुभाग अधिकारी पद पर दूसरी सरकारी नौकरी प्राप्त की। हालांकि, उन्होंने खुद को केवल यही तक सीमित नहीं रखा, बल्कि अपनी तैयारी को जारी रखते हुए पढ़ते रहे।
कई बार यूपीएससी परीक्षा में हुए फेल
प्रहलाद ने यूपीएससी परीक्षा में शामिल होने का निर्णय लिया, हालांकि सिर्फ निर्णय लेना आसान था, जबकि परीक्षा को पास करना मुश्किल था। उन्हें कई बार असफलता का सामना करना पड़ा। वहीं, 2013 व 2014 में वह मेंस परीक्षा तक पहुंचे, लेकिन सफल नहीं हो सके। उन्हें साक्षात्कार से बाहर होना पड़ा। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी बल्कि फिर से पूरी तैयारी के साथ जुट गए। उन्होंने 2015 में फिर से परीक्षा दी और इस बार वह प्रिलिम्स परीक्षा से ही बाहर हो गए। सारी मेहनत फिर बेकार हो गई थी, हालांकि मीणा का हौंसला टूटने वाला नहीं था। उन्होंने मन पक्का करते हुए फिर से तैयारी शुरू कर दी और साल 2016 में फिर से परीक्षा दी। इस बार और कड़ी मेहनत से परीक्षा दी और सिविल सेवा को क्रैक कर दिया। उन्हें यूपीएससी की ओर से ओड़िसा कैडर से आईपीएस के रूप में सेवा मिली।