यदि आपके मन में कोई इरादा है और उसे पूरा करने की लगन है, तो आपका इरादा पूरा होने से कोई नहीं रोक सकता है। बस इसके लिए आपको कड़ी मेहनत करने की जरूरत है और किसी भी परिस्थिति में अपनी मंजिल को पाने की जिद होनी चाहिए। कुछ इसी तरह की कहानी देखने को मिलती है, मध्यप्रदेश के नीमच जिले के मनासा के रहने वाले रविकांत की। रविकांत का सफर पिता के साथ पानी पूरी बेचने से लेकर एयरफोर्स में जहाज उड़ाने तक पहुंच रहा है। इस सफर में उन्होंने कड़े संघर्ष के दौर भी देखे, लेकिन कभी हिम्मत नहीं हारी और अपने सपने को पूरा करने में लगे रहे।
नीमच जिले के मनासा के द्वारकापुरी धर्मशाला के सामने पानी पूरी का ठेला लगाने वाले देवेंद्र चौधरी के बेटे रविकांत का सफर 'सुशील पानी पतासा' के ठेले पर अपने पिता के साथ हाथ बंटाने वाले से लेकर एयरफोर्स में पायलट तक मुश्किल से पहुंचा।
रविकांत का सिर्फ 21 साल की उम्र में भारतीय वायुसेना में पायलट के लिए चयन हुआ है। उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में एयरफोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट(AFCAT) पास किया है। हालांकि, यहां तक का सफर आसान नहीं रहा, बल्कि यहां तक पहुंचने में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
दो साल पहले जब साल 2020 में कोरोना आया तो दुकान बंद हो गई। इस बीच घर में आर्थिक संकट खड़ा हो गया। परिवार की जरूरतों को पूरा करना बहुत कठिन हो गया था। आर्थिक संकट के बीच परिवार का खर्च चलाने के लिए करीब डेढ़ वर्ष तक पिता ने कर्ज लेकर परिवार की जरूरतों को पूरा किया। वहीं, परिवार पर आर्थिक संकट आने पर भी रविकांत ने अपनी पढ़ाई को नहीं रोका, बल्कि और मेहनत से अपने सपने को पूरा करने में लगे रहे।
वहीं, मनासा में पानी- पूरी का ठेला लगाने वाले देवेंद्र का बेटा कभी भारतीय वायुसेना में पायलट भी बनेगा, इसे लेकर किसी को विश्वास नहीं था। हालांकि, रविकांत अपने इस सपने के लिए मेहनत करते रहते थे और उन्हें विश्वास था कि उनकी मेहनत का फल जरूर मिलेगा। अब परीक्षा पास होने के बाद जल्द ही रविकांत हैदराबाद में पायलट प्रशिक्षण केंद्र पर अपनी प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए रवाने होंगे।