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Success Story: मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने के साथ दूसरे प्रयास में IAS बनी अनुपमा अंजली

Success Story: दिल्ली में जन्मी अनुपमा अंजली शारीरिक के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देकर अपने दूसरे प्रयास में 386 रैंक के साथ आईएएस अधिकारी बन गईं। वर्तमान वह तिरुपति म्यूनिसिपल कॉर्पेरेशन में निगमायुक्त के पद पर तैनात हैं। 

Success Story: मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने के साथ दूसरे प्रयास में IAS बनी अनुपमा अंजली
Success Story: मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने के साथ दूसरे प्रयास में IAS बनी अनुपमा अंजली

Success Story: संघ लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा में हर साल में लाखों युवा अपने किस्मत और मेहनत आजमाते हैं, लेकिन इसमें से बहुत ही कम युवाओं को सफलता मिलती है। इसकी वजह है परीक्षा का स्तर कठिन होना और इस यात्रा का लंबा होना। यही वजह है कि कुछ युवा कई साल तक तैयारी करने पर भी सफलता न मिलने पर यह राह छोड़ देते हैं। वहीं, कई युवा यूपीएससी की तैयारी के साथ शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं देते, जिससे उन्हें आगे चलकर परेशानी होती हैं। आज हम आपको दिल्ली में जन्मी अनुपमा अंजली के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देते हुए दूसरे प्रयास में ही सिविल सेवा परीक्षा को पास किया और आईएएस अधिकारी बन गईं। 



मैकेनिकल इंजीनियिरंग में ग्रेजुएट हैं अनुपमा 

अनुपमा ने सांइस विषयों के साथ अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया। इंजीनयिरिंग कॉलेज से उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। 

 

 
 
 
 
 
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यूपीएससी का फैसला 

अनुपमा के मन में आईएएस अधिकारी बनने के सपना था। ऐसे में उन्होंने अपने इस सपने को पूरा करने के लिए स्नातक के बाद सिविल सेवा की तैयारी करने का निर्णय लिया और सिविल सेवा की तैयारी में जुट गई। 

 

पहले प्रयास में नहीं मिली सफलता 

अनुपमा ने सिलेबस के अध्ययन के बाद पाठ्य पुस्तकों की सूची बनाई और तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने विषयवार पढ़ाई की और अपना पहला प्रयास किया, लेकिन वह अपने पहले प्रयास में अपने सपने को पूरा करने में असफल रहीं। लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी और फिर से तैयारी में जुट गई। 



दूसरे प्रयास में मिली सफलता 

अनुपमा अंजली ने अपने दूसरे प्रयास में पहले के मुकाबले अधिक तैयारी की। उन्होंने पढ़ने के साथ-साथ रिविजन पर भी फोकस किया, जिससे जितना पढ़ा हुआ है, उस पर पकड़  बन सके। अनुपमा ने जब दूसरा प्रयास किया, तो उन्होंने प्रीलिम्स, मेंस  व इंटरव्यू में सफलता प्राप्त करते हुए 386 रैंक प्राप्त कर आईएएस अधिकारी बनने का सपना पूरा किया। 

 

मानिसक व शारीरिक स्वास्थ्य पर रखा ध्यान

अनुपमा ने अपनी पूरी तैयारी के दौरान मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान रखा। उन्होंने तन को फिट रखने के साथ मन को भी फिट रखा। इसके लिए उन्होंने मेडिटेशन का सहारा लिया। अनुपमा के मुताबिक, पढ़ाई के दौरान कई बार युवा बोर हो जाते हैं। ऐसे में बीच-बीच में कुछ मिनट का ब्रेक लेना जरूरी है, जिससे मन को फ्रेश रखा जा सके।  

 

परिवार में पिता हैं आईपीएस अधिकारी 

अनुपमा के पिता आईपीएस अधिकारी हैं। ऐसे में अनुपमा को तैयारी के दौरान पिता से भी सहयोग मिला व पिता भी उनके प्रेरणा के स्त्रोत रहें। अनुपमा को सिविल सेवा पास करने के बाद आंध्र प्रदेश कैडर मिला। वर्तमान में अनुपमा तिरुपति नगर निगम में निगमायुक्त के पद पर कार्यरत हैं। 




युवाओं को यह सलाह

अनुपमा ने एक साक्षात्कार में युवाओं को सलाह दी है कि युवा यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी के दौरान अधिक किताबों को न पढ़ें, बल्कि सिलेबस देखें और उसके हिसाब से किताबों का चयन करें। वहीं, अधिक किताबों को पढ़ने के बजाय सीमित किताबों को पढ़ें और उनका बार-बार रिविजन करें, जिससे सफलता प्राप्त की जा सकती है। 

 

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