1. Home
  2. Hindi
  3. UKPSC :प्रारम्भिक परीक्षाओं में लागू हुआ न्यूनतम अंकों का फार्मूला, यहाँ चेक करें पूरी जानकारी

UKPSC :प्रारम्भिक परीक्षाओं में लागू हुआ न्यूनतम अंकों का फार्मूला, यहाँ चेक करें पूरी जानकारी

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने अब राज्य में होने वाली प्रारम्भिक परीक्षाओं में न्यूनतम अंक लाना अनिवार्य कर दिया है. यहाँ देखें क्या हुआ है बदलाव

UKPSC की प्रीलिम्स परीक्षाओं में न्यूनतम अंकों में हुआ बदलाव
UKPSC की प्रीलिम्स परीक्षाओं में न्यूनतम अंकों में हुआ बदलाव

UKPSC : उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए बड़ी खबर, आयोग ने अब स्क्रीनिंग परीक्षा या प्रारंभिक परीक्षा में उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम अंक लाना अनिवार्य कर दिया है यानी अब जो उम्मीदवार इन परीक्षाओं में न्यूनतम अंक नहीं ला पाएंगे वो सफल नहीं हो पायेंगे. उल्लेखनीय है कि, आयोग ने वर्ष 2019 में इस नियम को परीक्षा नियमावली से हटा दिया था, जिसे अब उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने परिणाम निर्माण परिनियमावली 2022 में  दोबारा लागू कर दिया है.

उत्तराखंड राज्य लोक सेवा आयोग ने वर्ष 2019 से प्रारम्भिक परीक्षाओं में न्यूनतम अंक लाने की अनिवार्यता समाप्त कर दी थी, जिसका राज्य भर में बहुत विरोध हुआ था. विरोध कर रहे लोगों का कहना था इसे हटाने से कम योग्य लोग भी मुख्य परीक्षा में शामिल होने लगें हैं. इसी कारण राज्य लोक सेवा आयोग ने अब न्यूनतम अंकों की अनिवार्यता को प्रारम्भिक परीक्षाओं के लिए पुन: लागू कर दिया.

आयोग के अनुसार, परीक्षा परिणाम निर्माण प्रक्रिया नियमावली-2012 के अंतर्गत अब सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को प्रारम्भिक परीक्षा में न्यूनतम 35 प्रतिशत, ओबीसी उम्मीदवारों को अब न्यूनतम 30 प्रतिशत, जबकि एससी और एसटी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 25 प्रतिशत अंक प्रारम्भिक परीक्षा में लाने का प्रावधान किया गया है. अर्थात अब जो उम्मीदवार प्रारम्भिक परीक्षाओं में अब न्यूनतम अंक प्राप्त करेंगे उन्हें ही प्रारम्भिक परीक्षा में सम्मिलित होने का अवसर दिया जायेगा और यदि उम्मीदवारों के निर्धारित अंकों से कम अंक आते हैं तो उन्हें मुख्य परीक्षा में सम्मिलित होने का मौका नहीं मिलेगा.


आन्दोलनकारी रविन्द्र जुगियाल ने कहा है कि, आयोग ने राज्य की महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण लागू कर दिया है लेकिन इसका फायदा उन्हें नहीं मिल रहा है क्योंकि आयोग एक रिक्त पद पर 15 के स्थान पर 70 लोग बुला रहा है. उन्होंने कहा हालाँकि विज्ञापन के समय आरक्षण लागू था, जिसके बाद हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था, लेकिन अब सरकार इसके लिए  अध्यादेश ला चुकी है.