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UPPCS-J Success Story: 17 साल से नहीं हारी हिम्मत, सिविल जज बन हासिल की सफलता

कानपुर के रहने वाले तुषार जायसवाल ने बीते 17 सालों से लगातार मेहनत की और आखिरकार UPPCS-J 2018 परीक्षा में सफलता हासिल कर ली। इस दौरान तुषार को कई असफलताओं का भी सामना करना पड़ा।

UPPCS-J Success Story: 17 साल से नहीं हारी हिम्मत, सिविल जज बन हासिल की सफलता
UPPCS-J Success Story: 17 साल से नहीं हारी हिम्मत, सिविल जज बन हासिल की सफलता

यदि आपके मन में किसी लक्ष्य को हासिल करने की इच्छा है और आप उसे पाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, तो आपकी मेहनत बेकार नहीं जाती है। कई युवाओं का सपना होता है कि वे सरकारी नौकरी में बेहतर अवसर के साथ अपनी करियर की शुरुआत करे। इसके लिए युवा कई सालों तक मेहनत भी करते हैं, लेकिन सफलता नहीं मिलने पर बीच में ही सफर खत्म कर देते हैं, जबकि कुछ युवा ऐसे भी होते हैं, जो जब तक सफलता हासिल नहीं कर लेते, तब तक नहीं रूकते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है कानपुर के तुषार जयसवाल की, जिन्होंने साल 2018 में यूपीपीसीएस-जे की परीक्षा पास कर सफलता हासिल की।

 

 

तुषार जायसवाल ने सिविल सेवा में करियर बनाने के लिए लंबे समय तक तैयारी की। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे बीते 17 सालों से सिविल सेवा की तैयारी कर रहे थे। इस दौरान वे कई बार मेंस व इंटरव्यू में पहुंचे, लेकिन वे सफल नहीं हो सके।



 हालांकि, कई बार असफल होने पर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और मेहनत के साथ तैयारी करने में लगे रहे। इस दौरान न्यायिक सेवाओं के लिए भी उन्होंने पढ़ना शुरू कर दिया। पढ़ाई के दौरान दिन-रात पुराने प्रश्नों-पत्रों के अभ्यास के साथ उन्होंने अपनी तैयारी को धार दिया और आखिरकारी वह साल आ गया, जब उन्होंने सफलता का स्वाद चखा। साल 2018 में उन्होंने यूपीपीसीएस-जे की परीक्षा में सफलता हासिल की। सफलता हासिल करने पर वह सिविल जज के रूप में नियुक्त हुए। 

 

तैयारी में  परिवार का मिला पूरा साथ 

तुषार के मुताबिक, उन्होंने 1997 में जयपुरिया स्कूल से 10वीं और 1999 में 12वीं पास की थी। स्कूली पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने 2002 में पीपीएन कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई की। यहां से उनका सिविल सेवा में जाने का मन हुआ और वे इसकी तैयारी में जुट गए। इस दौरान कई बार वे प्री क्वालीफाई करके मेंस और फिर इंटरव्यू में भी पहुंचे, लेकिन सफल नहीं हो सके। हालांकि, इन असफलताओं ने उनके परिवार ने उन्हें हिम्म्त नहीं हारने दी, बल्कि तुषार का हौंसला बरकरार रखते हुए निरंतर मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। तैयारी के दौरान  2012 में डीसी लॉ कॉलेज के शिक्षक अनिल भट्ट ने तुषार को लॉ पढ़ने के लिए प्रेरित किया। जैसे ही लॉ की पढ़ाई पूरी हुई, तो उन्होंने पीसीएस-जे की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने कड़ी मेहनत से इस परीक्षा के लिए तैयारी की और 2018 में सफलता हासिल कर ली। 



शादी के बदले इंटरव्यू को दी तवज्जों

 तुषार के मुताबिक, 30-31 जनवरी 2019 को उनकी शादी होनी थी। इसी दौरान पीसीएस-जे के इंटरव्यू की तारीख आ गई। इसके चलते उन्होंने शादी को भी टाल दिया। तुषार के पिता अशोक जायसवाल होटल व्यावसायी हैं और मां कल्याणली जायसवाल गृहिणी हैं।