केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने भारतीय शिक्षा को वैश्विक स्तर पर ले जाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में चल रहे सफल मॉडल की तर्ज पर ऑस्ट्रेलिया में भी CBSE स्कूल खोले जाएंगे। यह फैसला भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच शैक्षणिक सहयोग को बढ़ावा देने और भारतीय छात्रों के साथ-साथ NRI समुदाय को भी अच्छी भारतीय शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लिया गया है।
ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स (UNSW) बंगलूरू में भी अपना कैंपस खोलेगी। इस नई पहल के लिए उन्हें सरकार से पत्र भी मिल चुका है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर की मौजूदगी में एक समारोह में यह घोषणा करी।
ऑस्ट्रेलिया मॉडल और प्री-स्कूल से PhD तक का रोडमैप क्या है?
यह पहल केवल स्कूल की पढ़ाई तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह एक व्यापक शैक्षणिक इकोसिस्टम तैयार करने पर केंद्रित है। इसमें न केवल CBSE के स्कूल शामिल होंगे, बल्कि प्री-स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा (PhD स्तर) तक के संस्थान और स्किल डेवेलपमेंट पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
| एजुकेशनल लेवल | फोकस एरिया | डिटेल्स |
| प्री-स्कूल और K-12 | CBSE सिलेबस | राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 पर आधारित गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा। |
| उच्च शिक्षा | PhD | भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों के बीच दोहरी डिग्री कार्यक्रम और संयुक्त PhD अनुसंधान। |
| कौशल विकास | वोकेशनल ट्रेनिंग | भारतीय कौशल प्रमाणन को ऑस्ट्रेलिया में मान्यता दिलाना और दोनों देशों के बीच छात्रों/पेशेवरों का आदान-प्रदान। |
UNSW ऑस्ट्रेलिया की सबसे अच्छी यूनिवर्सिटी में से एक है। साथ ही, QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में दुनिया की टॉप 20 में शामिल है। भारत-ऑस्ट्रेलिया शिक्षा व कौशल परिषद की तीसरी बैठक की सह अध्यक्षता करते हुए प्रधान ने यह भी कहा कि शिक्षा, कौशल और अनुसंधान भारत- ऑस्ट्रेलिया रणनीतिक साझेदारी के प्रमुख स्तंभ हैं। कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री जयंत चौधरी भी मौजूद रहे।
भारत-ऑस्ट्रेलिया शैक्षणिक साझेदारी की डिटेल्स
शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इस कदम से दोनों देशों के बीच छात्रों की गतिशीलता बढ़ेगी और भारतीय शिक्षा प्रणाली को वैश्विक पहचान मिलेगी। यह पहल भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अंतर्राष्ट्रीयकरण के लक्ष्य के अनुरूप है।
- NRI छात्रों को लाभ: ऑस्ट्रेलिया में रह रहे भारतीय परिवारों के बच्चों को भारतीय संस्कृति और सिलेबस से जुड़े रहने का मौका मिलेगा।
- कौशल और रोजगार: व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास पर जोर देने से ऑस्ट्रेलियाई बाजार में भारतीय पेशेवरों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
- अकादमिक तालमेल: यह शैक्षिक संस्थान भारत और ऑस्ट्रेलिया के बेस्ट एकेडमिक प्रैक्टिस को एक साथ लाएंगे, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
- डायरेक्ट एंट्ररी: CBSE की शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को ऑस्ट्रेलिया के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्राप्त करने में आसानी होगी।

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