Labour laws: 8 श्रम कानून जो आपके लिए जानना है जरूरी


By Priyanka Pal24, Apr 2024 11:37 AMjagranjosh.com

यहां जानिए कुछ ऐसे भारतीय कानूनों के बारे में जो हर ग्रेजुएट और एम्पलाई को पता होने चाहिए।

न्यूनतम मजदूरी अधिनियम

यह कानून बताता है कि कम से कम आपको कितनी सैलरी मिलनी चाहिए। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कौन से स्टेट, आपकी ऐज, स्किल, डेजिग्नेशन क्या है और आप कौन सी इंडस्ट्री में काम कर रहे हो।

वेतन भुगतान अधिनियम, 1936

यह एक्ट यह बताता है कि आप जिस भी कंपनी में काम कर रहे हैं, उस कंपनी को आपकी सैलरी महिने की 7 तारीख तक दे देनी चाहिए। इसके साथ ही यह कानून सैलरी डिडक्शन के बारे में भी बताने का काम करता है।

समान पारिश्रमिक अधिनियम 1976

यह कानून कहता है कि अगर किसी भी कंपनी में आप दूसरों की तरह एक ही पॉजिशन के लिए काम कर रहे हैं, तो लिंग, रंग, जाति के आधार पर अलग - अलग एम्पलाई को अलग सैलरी नहीं दे सकते।

भविष्य निधि अधिनियम 1952

यह कानून प्रोविडेंट फंड और रिटायरमेंट के समय जो पेंशन मिलनी है। इसमें आपकी सैलरी का 12 प्रतिशत डिडक्शन होगा।

कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम

इसमें आपके साथ परिवार की मेडिकल इंश्योरेंस और आपके लिए एक्सीडेंटल इंश्योरेंस जब भी आप जॉब पर हो। इसमें डिडक्शन काफी कम रहा है।

बोनस एक्ट 1965

ज्यादातर लोग इस एक्ट से बिल्कुल अंजान रहते हैं। इसमें आपकी वेज का 8.33 प्रतिशत दिया जाता है और यह सबसे कम लिमिट है। अगर कंपनी मुनाफे में है तो यह 20 प्रतिशत भी हो सकता है।

ग्रेच्युटी अधिनियम 1972

अगर आप कंपनी में बहुत सारा समय या साल देते हैं तो, कंपनी की जिम्मेदारी बनती है जब भी आप जॉब छोड़कर जाएं। इसके लिए आपको आभार या पैसा दे। भारत सरकार द्वारा बनाया गया यह एक्ट इस बात पर जोर देता है अगर आप 5 साल से ज्यादा काम कर रहे हैं। हर साल के वर्किंग के हिसाब से 15 दिन की ग्रेच्यूटी देनी पड़ेगी।

दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियम

यह कानून आपके बड़े काम आ सकता है। यह एक्ट बताता है कि आपको साल में कितनी छुट्टी मिलनी चाहिए, विजुएल और कौन से दिन छुट्टी होनी चाहिए। यह एक्ट हर स्टेट के अनुसार अलग - अलग हो सकता है।

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