Chanakya: क्यों मनुष्य को कभी सीधा नहीं होना चाहिए?


By Priyanka Pal28, Oct 2024 06:37 PMjagranjosh.com

चाणक्य के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को कभी भी बहुत सीधा नहीं होना चाहिए। आज इस वेब स्टोरी में जानिए चाणक्य ने ऐसा क्यों कहा।

उन्होंने अपनी नीति में लिखा है, नात्यन्तं सरलैभर्वाव्यं गत्वाश्य वनस्थलीम्। छिद्घन्ते सरलास्तत्र कुब्जास्तिष्ठन्ति पादपा:

इस श्लोक में चाणक्य ने लिखा है कि मनुष्य को अत्यंत सरल और सीधा कभी नहीं होना चाहिए। क्योंकि वन में सबसे पहले सीधे पेड़ों को ही काटा जाता है और टेढ़े वृक्ष खड़े रहते हैं।

चाणक्य के अनुसार, मनुष्य को अत्यंत सरल और सीधे स्वभाव का भी नहीं होना चाहिए।

इससे उसे सब लोग दुर्बल और मूर्ख मानने लगते हैं। हर समय कष्ट देने का प्रयत्न करते हैं।

सीधा व्यक्ति प्रत्येक के लिए आसानी से मान जाने वाला होता है जबकि टेढ़े व्यक्ति से सब बचने की कोशिश ज्यादा करते हैं।

चाणक्य के अनुसार, सीधे और सरल लोगों का हमेशा दुरुपयोग ही होगा। इसलिए कोशिश करें कि चतुर बनें और अपने कामों में आगे बढ़ें।

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साइकोलॉजी के अनुसार, हमेशा आगे बढ़ने वाले लोगों की आदतें