"समझे वही इसको जो हो दीवाना किसी का, अकबर ये ग़ज़ल मेरी है अफ़साना&किसी का"....
By Gaurav Kumar
18, Nov 2022 10:35 AM
jagranjosh.com
अकबर इलाहाबादी का जन्म 16 नवंबर, 1846 को इलाहाबाद के बारा गाँव में हुआ था।
सात साल तक इलाहाबाद, गोरखपुर, आगरा और गोंडा में वक़ालत की।
समय से पहले आंखो की रोशनी जाने के बाद पेंशन लेकर इशरत महल में रहने चले गए।
अंग्रेज़ी शासन की विसंगतियों और विडंबनाओं पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए व्यंग्य का रास्ता अपनाया।
ब्रिटिश हुकूमत ने भी उन्हें सन् 1898 में &‘ख़ान बहादुर’ के ख़िताब से नवाज़ा।
बड़ी खूबी यह भी थी व्यंग्य कर दूसरों पर ही नहीं बल्कि खुद पर भी हँसना जानते थे।
जीवन के अंतिम वर्षों में उन्होंने आज़ादी के विषय पर अपने विचार एक लंबी नज़्म में व्यक्त किए।
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