By Priyanka Pal08, Mar 2024 05:08 PMjagranjosh.com
कम समय में ज्यादा काम
क्या आप कम समय में ज्यादा कमाई करना चाहते हैं? या कहीं आप कम समय में ज्यादा पैसा कमाने चाहते हैं? और अगर आप इसके बारे में अभी भी यही सोच रहे हैं कि ऐसा कैसे संभव है। तो आगे जानिए 80/20 रूल के बारे में जो आपको कम समय में ज्यादा रिजल्ट देने की मांग करता है।
80/20 का रूल क्या है ?
इस रूल के अनुसार 80 प्रतिशत आप जो भी अपनी जॉब से रिजल्ट अचीव करते हो, वो 20% दी गई आपकी क्षमता से आपको प्राप्त होता है। ये रूल कहता है कि सोसएटी में 80/20 के कई उदाहरण देखे जाते हैं। जैसे कि 20 प्रतिशत की प्रोडक्ट से 80 प्रतिशत सेल आती है।
रिजल्ट
हम हमेशा अनुमान लगाते हैं कि हमारी 50 प्रतिशत कोशिश का 50 प्रतिशत रिजल्ट आता है। लेकिन ये रूल दावा करता है कि आप जहां भी काम कर रहे हैं और जो भी कर रहे हैं वहां अप्लाई होता है। 80/20 का रूल कई मामलों में आपके लिए काफी हेल्पफुल है।
यूजफुल रूल
अगर 80 प्रतिशत रिजल्ट 20 प्रतिशत आउटपुट से आते हैं। तो 80 परसेंट इनपुट 20 परसेंट इंपेक्ट ही क्रिएट करते हैं। अगर हम 80/20 का सही इस्तेमाल करें तो हमें बेहतर रिजल्ट मिलने की उम्मीद होती है। उदाहरण के लिए हमें बुक कभी चैप्टर बाई चैप्टर नहीं पढ़नी चाहिए। बल्कि पहले कन्क्लूजन, इंट्रो फिर उसके बाद मनपसंद टॉपिक पढ़ने चाहिए।
80/20 एनालिसेस
इसे उस रिलेशनशिप के साथ यूज कर सकते हैं जो 80/20 प्रिंसिपल को डिसक्राइव करता है। एक जो सबसे बड़ा यूज है कि 20 परसेंट इनपुट जो 80 परसेंट आउटपुट देते हैं। उस पर फोकस कर सकते हैं।
80/20 थिकिंग
इसमें हमें जरूरी चीजों पर ध्यान देने में और फालतू की चीजों को नजरअंदाज करने में मदद मिलती है। इस रूल को फॉलो करने के लिए हमें हमेशा अपने आप से पूछना होगा कि कौन सा 20 प्रतिशत है जो हमें 80 प्रतिशत दे रहा है। हमें हमेशा ये नहीं सोचना चाहिए कि आपको हमेशा रिजल्ट मिल ही जाएगा। लेकिन इसके बारे में क्रिएटिवली सोचने के लिए समय लेना चाहिए।
टाइम रेगुलेशन
दुनिया में जितने भी व्यस्त और जितने भी खाली लोग हो उन्हें एक टाइम रेगुलेशन की जरूरत है। जिस तरीके से हम टाइम को ट्रीट करते हैं वो प्रॉब्लम होने के साथ अवसर भी है। अगर आपका टाइम अनयूज्ड है तो आपको उसे रेगुलराइज करने की जरूरत है।
प्रायोरिटी
आपको हमेशा अपने काम को प्रायोरिटी देनी चाहिए। उन काम को पहले अहमियत देनी चाहिए जो आपके लिए बहुत जरूरी है। उदाहरण के लिए परीक्षा की तैयारी करते समय पहले उन विषयों पर ध्यान दें जो जरूरी हैं।
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