नहीं बर्दाश्त होती छोटी-छोटी बातें? ऐसे बढ़ाएं धैर्य


By Mahima Sharan21, Nov 2024 11:17 AMjagranjosh.com

लोगों का टूटता धैर्य

अगर ये कहा जाए की आज के समय में लोगों के अंदर बर्दाश्त करने की क्षमता नहीं है, तो यह बिल्कुल भी गलत नहीं होगा। इंसान को हर चीज तुरंत चाहिए होता है, जैसे सभी के अंदर धैर्य खत्म हो चुकी हैं। लेकिन, जब आप छोटी-छोटी बातों पर भी धैर्य खोने लगते हैं, तब आपकी पर्सनैलिटी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

खुद में करें ये बदलाव

अगर आपके साथ भी यही समस्या है, तो समय रहते उसे सुधारना बेहद ही जरूरी है। आज हम आपको तरीकों के बारे में बताएंगे, जिसकी मदद से आप अपने धैर्य के स्तर को बढ़ा सकते हैं।

काम पर फोकस करें

गीता में श्री कृष्ण ने कहा है कि मनुष्य के हाथों में केवल कर्म है, इसलिए कर्म करो फल के बारे में न सोचे। अगर आपके अपने जीवन में कोई लक्ष्य रखा है, तो उसके लिए मेहनत करें, प्रयास करें। बार-बार यह सोचने की आप अपने लक्ष्य तक कब पहुंचने कुछ हासिल नहीं होगा, इससे केवल आप अपने लक्ष्य से भटकते हैं। इसलिए फल की चिंता किए बगैर निरंतर प्रयास करते रहे और आगे बढ़ते रहें। आपको फोकस केवल गोल अचीव करने पर होना चाहिए।

बेवजह की चिंता

बेवजह की चिंता केवल आपका ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाती है, उससे आपका काम समय पर पूरा नहीं होता। इसलिए फालतू की बातों को सोचने से बेहतर है अपने काम के लिए टाइम टेबल बनाए और समय के अंदर उसे पूरा करने का प्रयास करें।

दूसरों की राय

ध्यान रखें कि दूसरों की राय से आपका जीवन नहीं कटेगा। अपने लक्ष्य को दूसरों के लिए न बदलें। आज जो करना चाहते हैं वो करें। दूसरे आपके बारे में क्या बोलते या सोचते हैं, इससे अपना आपा न खोए। खुद के प्रति सहानुभूति रखें, इससे आपका मन नहीं भटकेगा।

परिणाम की चिंता न करें

किसी भी कर्म का फल तुरंत नहीं मिलता है। कर्म करें लेकिन फल की चिंता न करें। अगर आपने अपना 100 प्रतिशत दिया है, तो देर से ही सही फल जरूर मिलेगा। मेहनत का फल कहीं नहीं जाता। ध्यान रखें की किसी भी चीज का फल तुरंत नहीं मिलता उसके लिए आपको प्रतिक्षा करनी पड़ती है। परिणाम को लेकर अपने अंदर धैर्य रखें।

इन चीजों पर काम कर के आप अपने अंदर धैर्य के स्तर को सुधार सकते हैं। शिक्षा से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh के साथ

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