भीम राव अम्बेडकर के ये 10 प्रेरक विचार, बच्चों के मन में भर देंगे जोश


By Mahima Sharan21, Jan 2025 09:16 AMjagranjosh.com

अंबेडकर के प्रेरक विचार

भीम राव अंबेडकर एक भारतीय न्यायविद, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे जिन्होंने जाति-आधारित भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी। यहां उनके द्वारा बताए गए कुछ प्रेरक विचार दिए गए हैं। आइए उनपर एक बार नजर डालते हैं।

शिक्षित बनो, संगठित रहो और आंदोलित रहो:

अंबेडकर का यह प्रसिद्ध नारा जो लोगों को अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रोत्साहित करता है।

मुझे वह धर्म पसंद है जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता है:

अंबेडकर स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के महत्व में विश्वास करते थे।

जीवन लंबा होने के बजाय महान होना चाहिए:

अंबेडकर का मानना ​​था कि जीवन लंबा नहीं बल्कि महान होना चाहिए।

हमें अपने पैरों पर खड़ा होना चाहिए और अपने अधिकारों के लिए जितना हो सके उतना संघ

अंबेडकर का मानना ​​था कि लोगों को अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए और सत्ता और प्रतिष्ठा हासिल करने के लिए संगठित होना चाहिए।

मैं किसी समुदाय की प्रगति को महिलाओं द्वारा हासिल की गई प्रगति की डिग्री से मापत

अंबेडकर का मानना ​​था कि किसी समुदाय की प्रगति को महिलाओं की प्रगति से मापा जा सकता है।

मन की खेती मानव अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए:

अंबेडकर का मानना ​​था कि मन की खेती मानव अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य था जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता हासिल नहीं करते हैं, तब तक कानून द्वारा प्रदान की गई कोई भी स्वतंत्रता आपके लिए बेकार है।

अंबेजकर जी की ये बातें हमेशा आपको प्रेरित करती हैं। शिक्षा से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh के साथ

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