By Priyanka Pal05, Jun 2024 03:18 PMjagranjosh.com
कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के तहत कंप्यूटर प्रोग्रामिंग और नेटवर्किंग के बेसिक एलिमेंट्स पर फोकस किया जाता है। आज जानिए कि आप इस फिल्ड में करियर कैसे बना सकते हैं।
कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के कार्य
अगर आपने सॉफ्टवेयर में स्पेशलाइजेशन किया है तो आपके काम में मुख्य रूप से विभिन्न इंडस्ट्रीज के लिए सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन्स को डिज़ाइन और डेवलप करने से जुड़े सभी काम शामिल होंगे।
हार्डवेयर स्पेशलिस्ट
एक हार्डवेयर स्पेशलिस्ट के तौर पर, आप पीसी और लैपटॉप्स के लिए हार्डवेयर कंपोनेंट्स को डिज़ाइन और डेवलप करने का कार्य करेंगे।
अन्य काम
आप प्रिंटर्स, मोडेम्स, स्कैनर्स सहित अन्य पेरिफेरल कंप्यूटिंग डिवाइसेज के लिए सॉफ्टवेयर डेवलपर के तौर पर भी काम कर सकते हैं।
विभिन्न कोर्स
ये कोर्सेज पॉलिटेक्निक डिप्लोमा से संबद्ध हैं और इन कोर्सेज की अवधि या ड्यूरेशन 3 साल रहा है।
यूजी कोर्स
अंडरग्रेजुएट लेवल कोर्स पूरा करने पर आपको कंप्यूटर इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ़ टेक्नोलॉजी अर्थात बीटेक की डिग्री मिलती है और इस कोर्स की अवधि 4 साल है।
पीजी कोर्स
ये मास्टर लेवल के कोर्सेज हैं जिन्हें सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में मास्टर ऑफ़ टेक्नोलॉजी अर्थात एमटेक की डिग्री मिलती है और इन कोर्सेज की अवधि 2 साल है।
सैलरी पैकेज
एक फ्रेशर के तौर पर, आप भारत में अपने करियर की शुरुआत में 2 लाख प्रति साल से 3 लाख प्रतिवर्ष सैलरी पैकेज की उम्मीद कर सकते हैं।
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