दुनिया में इन 7 डिग्रियों का है सबसे ज्यादा ड्रॉप आउट रेट


By Priyanka Pal31, Aug 2024 01:00 PMjagranjosh.com

करियर च्वाइंस हर स्टूडेंट के जीवन में मैटर करती है। लेकिन क्या कभी करियर भी बुरा हो सकता है, ऐसे ही कही सवालों के साथ जानिए आज दुनिया के उन करियर के बारे में जिनका ड्रॉप आउट रेट सबसे ज्यादा रहा।

ड्रॉप आउट डिग्रियां

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दुनियाभर में कई कोर्स हैं जिन्हें स्टूडेंट्स लेते हैं। लेकिन ठीक न लगने पर या नौकरी पर खतरा होने की वजह से वह उनसे ड्रॉप आउट ले लेते हैं।

मैथ्स

मैथ्स में कई स्टूडेंट्स पढ़ाई छोड़ देते हैं, क्योंकि उन्हें ज्यादा चिंतन, फॉर्मूला और चुनौतीपूर्ण एग्जाम काफी ज्यादा कठिन लगते हैं। इसलिए इसका भी दुनिया में ड्रॉप आट रेट काफी ज्यादा है।

मेडिसिन

मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि स्टूडेंट्स को प्री मेडिकल प्रोग्राम में ज्यादा कॉम्पीटीशन और कठिन पाठ्यक्रम लगता है। जिसकी वजह से इस कोर्स को वह बीच में ही करके छोड़ देते हैं।

इंजीनियरिंग

स्टूडेंट इसके कठिन सिलेबस और भारी कार्यभार के कारण ड्रॉप आउट ले लेते हैं। इंजीनियरिंग छोड़ने के बाद वह किसी और डिग्री कोर्स में खुद को शिफ्ट करते नजर आते हैं।

आर्किटेक्टचर

इस फील्ड को छोड़ने का कारण इसमें लंबे समय तक काम करना, ज्यादा प्रोजेक्ट की मांग और डिजाइन मानकों को पूरा करने का दबाव स्टूडेंट सहन नहीं कर पाते। जिसकी वजह से वह इससे ड्रॉप आउट ले लेते हैं।

कानून

ज्यादा पढ़ाई, आलोचनात्मक चिंतन और जटिल कानूनी अवधारणाओं की जरूरत वाले इस कोर्स को भी दुनियाभर में बीच में ही छोड़कर चले जाते हैं।

कंप्यूटर साइंस

मार्केट में इस कोर्स की मांग काफी है लेकिन इसक बावजूद भी लोग जटिल मैथ्स और प्रोग्रामिंग चुनौतियों के कारण पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं।

फिलॉसफी

इस प्रोग्राम में विषय वस्तु और सीमित करियर होने के कारण स्टूडेंट्स इसे बीच में ही छोड़ना पसंद कर ते हैं। दुनियाभर में इस कोर्स के बीच में निकलने की दर बहुत ज्यादा है।

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