क्या आप खुद से बातें करते हैं? साइंस के अनुसार समझे पर्सनैलिटी
By Mahima Sharan21, Mar 2025 05:41 PMjagranjosh.com
खुद से बात करने की आदत
क्या आपने कभी खुद को रसोई में खुद से बड़बड़ाते हुए, शॉवर में किसी बातचीत को दोहराते हुए या किसी चुनौती का सामना करने पर खुद को ज़ोर से प्रोत्साहित करते हुए पाया है? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं - और यह बहुत अच्छी खबर है। आइए जानते हैं खुद से बात करना आपकी सबसे अच्छी आदतों में से एक क्यों हो सकता है।
एकाग्रता और समस्या समाधान
हमारे विचारों को बोलकर व्यक्त करने से हमारी समस्या को हल करने की क्षमताओं में सुधार होता है। शब्दों का उच्चारण करने से ब्रेन के कई क्षेत्र एक साथ एक्टिव होते हैं, जो कनेक्शन को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
मिलती है सही दिशा
खुद से बात करने से आपको अपने विचारों को बेहतर ढंग से ऑर्गनाइज करने में मदद मिलती है। खुद से बात करना आपको अपनी दिशा खोजने में मदद करने में भी मदद करता है, ताकि आप सही तरीके से काम कर पाए।
स्मृति में मददगार
नोट्स या टू-डू लिस्ट को ज़ोर से पढ़ना भी स्मृति को मजबूत करने का एक शानदार तरीका है। इसके अलावा, अपने विचारों को मौखिक रूप देने से आपको अपने विचारों को अधिक बेहतर तरीके से ऑर्गनाइज करने में मदद मिलती है।
स्पष्ट लक्ष्य
अपने लक्ष्यों को स्पष्ट करके और उन्हें प्राप्त करने के लिए जरूरी चरणों को बताकर, आप अपने कार्यों को बेहतर ढंग से प्राथमिकता दे सकते हैं और अधिक बेहतर निर्णय ले सकते हैं।
प्रेरणा और तनाव
खुद से बात करना भावनात्मक बुद्धिमानी कहलाता है। यह आपको आत्म प्रोत्साहित रहने में मदद करता है साथ ही तनाव को कम करता है।
खुद से बात करना बेवकूफी नहीं बल्कि बुद्धिमानी का संकेत है। शिक्षा से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh के साथ