क्या सच में कंपनियां Gen-Z को काम पर नहीं रखना चाहती हैं?


By Mahima Sharan01, Nov 2024 07:39 PMjagranjosh.com

आज के युवा

एक ओर जहां युवा बेरोजगारी से परेशान है वहीं, दूसरी ओर खुद कंपनियां उन्हें हायर नहीं करना चाहती हैं। आइए समझते हैं इसके पीछे के कारणों के बारे में-

क्या है जेनजी जनरेशन

साल 1990 के दशक से 2000 दशक तक के पैदा हुए बच्चों के Gen-Z कहा जाता है।

कंपनियां क्यों नहीं देना चाहती हैं नौकरी?

कंपनियों का कहना है कि आज के जमाने में कॉलेज पास आउट करने वाले युवाओं का काम करने का तरीका काफी अलग है। उनके काम करने का तरीका कंपनियों के साथ मेल नहीं खाते हैं।

लापरवाह स्वभाव

कंपनियों का कहना है कि Gen-Z काम के प्रति काभी लापरवाह होते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं ये लोग कहीं नहीं टिकते, नौकरी छोड़ने का चलन इनमें बहुत आम है, जिसके कारण कंपनियों का युवाओं की ट्रेनिंग पर खर्च किया गया पैसा और समय बर्बाद हो जाता है।

जिम्मेदारियों से भागते हैं दूर

कई कंपनियों का मानना है जेनजी जनरेशन के पास पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को बैलेंस करने का हुनर नहीं है। यहीं कारण है कि वे हर स्थिति से ऑनरशिल और जिम्मेदारी लेने से बचते हैं।

खराब प्रोफेशनल बिहेवियर

यह पीढ़ी काम के प्रति अपनी गंभीरता को नहीं समझती हैं। यहीं कारण है कि उनका कोई भी काम प्रोफेशनल तरीके से नहीं होता और वे फीडबैक लेने से बचते हैं।

इन कारणों से कंपनियां आज की इस पीढ़ी को नौकरी देने से कतराती हैं। शिक्षा से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh के साथ

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