डॉ विकास दिव्यकीर्ति के ये विचार खोल देंगे सफलता के द्वार
By Mahima Sharan
19, Dec 2023 06:02 PM
jagranjosh.com
जादू का खिलौना
दुनिया जिसे कहते हैं वो जादू का खिलौना है ,जो मिल गया वो मिटटी है जो न मिला वो सोना है।
लोहा
मैंने उसको जब जब देखा लोहा देखा लोहा जैसे तपते देखा गल के देखा ढल के देखा मैंने उसको गोली जैसे चलते देखा
डर
क्यों डरे ज़िंदगी में क्या होगा कुछ न होगा तो तज़ुर्बा होगा
दीदार
अगर सौके दीदार है तो नजर पैदा कीजिये।
खामोशी
कुछ देर की ख़ामोशी है अब शोर आएगा तुम्हारा वक्त आया है हमारा दौर आएगा।
इग्नोर
आपको अगर किसी से नाराजगी हो जाय तो दुश्मनी नहीं कीजिये उसमे बहुत समय बर्वाद होता है सबसे अच्छा है उसे इग्नोर कीजिये।
हंगामा
सिर्फ हंगामा करना मेरा मकसद नहीं मेरी कोशिश है की सूरज बदलनी चाहिए।
अपने हुनर को पहचानें और उसे सम्मान दें - श्री श्री रविशंकर
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