हज़ारों मील का सफर कर भारत पहुंचे प्रवासी पक्षी


By Priyanka Pal21, Dec 2022 10:52 AMjagranjosh.com

सर्दियों की शुरुआत के साथ ही दूर देश के ठंडे प्रदेशों से पक्षी &भारत पहुंचने लगे हैं।

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान प्रवासी पक्षियों की सुरक्षित पनाहगाह के रूप में जाना जाता है।

यहां 200 से अधिक पक्षी प्रजातियां, 25 से अधिक वन्यजीव प्रजातियां

15 से अधिक सरीसृप प्रजातियां, 350 से अधिक वनस्पति प्रजातियां

और मछलियों, कीट-पतंगों आदि की विभिन्न प्रजातियां पाई जाती हैं।

इस नेशनल पार्क को यूनेस्को द्वारा वर्ष 1985 मे विश्व धरोहर घोषित किया गया था।

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान 29 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है।

कुछ वर्ष पूर्व तक साइबेरिया से आने वाला साइबेरियन सारस यहां का मुख्य आकर्षण था।

नार्दन शॉबलर, नार्दन पिनटेल आदि पक्षियों का यहां आना शुरू हो चुका है।

1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित करने के बाद यहां शिकार पर पूरी तरह रोक लगा दी गई।

THANK YOU FOR &&&&&WATCHING

टीचर्स के पदों पर भर्ती यहां करें अप्लाई