ब्रिटिश भारत में ऑनर्स से ग्रेजुएट होने वाली पहली महिला
By Priyanka Pal16, Mar 2024 07:32 PMjagranjosh.com
कामिनी रॉय
कामिनी रॉय बंगाल इतिहास के पन्नों में दर्ज एक ऐसा नाम हैं, जिन्होंने अपने लिए और बाकि दूसरी महिलाओं के लिए बड़े काम किए। एक ऐसी महिला जिन्होंने ब्रिटिशर्स को भी घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया।
जन्म
कामिनी रॉय का जन्म 12 अक्टूबर 1864 को बंगाल में हुआ था। उनके पिता चंडी चरण सेन एक लेखक और न्यायाधीश थे।
शिक्षा
22 साल की उम्र में उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त कर ली थी। उन्होंने यह डिग्री तब हासिल की जिस समय महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता था।
नौकरी
अपनी ऑनर्स डिग्री हासिल करने के बाद कामिनी रॉय ने एक टीचर के रूप में कॉलेज में पढ़ाना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपने इनकम के सोर्स को अपने जीवन का एक जरूरी हिस्सा माना।
गणित ज्ञानी
कामिनी बचपन से ही क्रिएटिव रही हैं। स्कूल के दिनों में वह गणित के सावलों को आसानी से सुलझा लिया करती थीं।
पहचान
कामिनी रॉय की दिलचस्पी बचपन में गणित विषय से अधिक रही हो। लेकिन उन्होंने अपनी असली पहचान कविता और साहित्य की दुनिया में बनाईं।
नारी समाज के लिए किया काम
साल 1921 में, उन्होंने कामिनी रॉय ने कुमुदिनी मित्रा और मृणालिनी सेन के साथ बंगीय नारी समाज का गठन किया। यही से बंगाली महिलाओं ने 1926 में मतदान के अपने अधिकार का इस्तेमाल भी किया।
सम्मान
कामिनी रॉय को साहित्यिक क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों के लिए कलकत्ता यूनिवर्सिटी ने जगततारिणी पदक से सम्मानित किया था। देश की महलिओं के लिए उन्होंने कई उपकार किए। 27 सितंबर, 1933 को उनका निधन हो गया था।
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