By Priyanka Pal2023-03-17, 16:34 ISTjagranjosh.com
काउंसिल ऑफ इंडिया का फैसला -
शीर्ष संस्था काउंसिल ऑफ इंडिया ने विदेशी वकीलों और कानूनी फर्म को भारत में प्रैक्टिस करने की मंजूरी दे दी है।
क्या विदेशी वकील कोर्ट में भी होंगे पेश ?
वे केवल कॉर्पोरेट लेनदेन से संबंधित कामकाज या विदेशी कानून पर अपने क्लाइंट को सलाह दे सकते हैं लेकिन विदेशी वकील कोर्ट में पेश नहीं हो सकते हैं।
लाभ -
काउंसिल ऑफ इंडिया का कहना है कि इससे भारतीय और विदेशी दोनों वकीलों को लाभ होगा विदेशी कानून, अंतरराष्ट्रीय कानूनी मसलों, मध्यस्थता जैसे क्षेत्रों में विदेशी वकील और लॉ फर्म भारत में काम कर सकेंगे।
वकीलों के पेशे में क्या बदलनें वाला है?
शीर्ष अदालत के नए फैसले से इस फील्ड में अब नया रवैया देखनें को मिलेगा आगे देश में बड़ी संख्या में विदेशी कंपनियां काम कर रही है और आगे कई और निवेश करने वाली हैं।
क्या - क्या हैं शर्तें ?
विदेशी वकील और लॉ फर्म केवल बिना मुकदमे वाले मामलों में ही प्रैक्टिस कर सकेंगे।
तीन बड़े क्षेत्र खोले गए -
जिसमें विदेशी कानून, मध्यस्थता के मामले और अंतरराष्ट्रीय कानूनी मुद्दे हैं।
कैसे करेंगे प्रैक्टिस ?
विदेशी वकील या फर्म BCI के साथ पंजीकरण के बिना देश में प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे।
पंजीकरण शुल्क कितना होगा -
विदेशी वकील के लिए पंजीकरण शुल्क 25,000 डॉलर है जबकि कानूनी फर्म के लिए 50,000 डॉलर है जो कि 5 साल के लिए वैध होगा।
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