साइकोलॉजी के अनुसार पॉजिटिव माइंडसेट वाले लोगों में होती हैं ये 10 आदतें
By Mahima Sharan05, Dec 2024 05:41 PMjagranjosh.com
पॉजिटिव माइंडसेट
सकारात्मक सोच हमारे जीवन को बेहतर बना सकता है। जब हम सकारात्मक सोचते हैं, तब हम तनाव से लेकर हर एक चीज को बेहतर और प्रोडक्टिव तरीके से मैनेज कर पाते हैं। आज के समय में पॉजिटिव माइंडसेट ही सफलता की कुंजी है। आज हम आपको कुछ ऐसी ही आदतों के बारे में बताएंगे, जो सकारात्मक विचार की कुंजी है-
कृतज्ञता
अपने आप-पास पॉजिटिविटी को बढ़ावा देने का सबसे बेस्ट तरीका है, जो आपके पास है उसके लिए आभारी रहें। जब आप अपने जीवन में बड़ी और छोटी चीजों की सराहना करना शुरू कर देते हैं, तब आपका मस्तिष्क सकारात्मक चीजों पर अधिक ध्यान दे पाता है और आप अधिक उर्जावान महसूस करते हैं।
माइंडफुलनेस
माइंडफुलनेस का मतलब है कि बिना किसी अन्य विचारों के उस पल में पूरी तरह से मौजूद और जागरूक रहना। जब आप माइंडफुल होते हैं, तो आप अपने अतीत और भविष्य के बारे में चिंता करने की वजह वर्तमान के समय का लाभ उठाते हैं। इससे नकारात्मक मानसिकता भी दूर रहती है और आप केवल उन चीजों पर ध्यान दे पाते हैं, जो आपके बस में है।
नकारात्मक विचारों पर काबू पाना
हम सभी के मन में कभी-कभी नकारात्मक विचार आते हैं, लेकिन असली योद्दा वहीं है जो उसपर काबू पाना जानता हो। यह रिफ्रेमिंग एक ऐसा तरीका है, जहां आप निगेटिव विचार पैटर्न की पहचान करते हैं और उस पर काबू पाते हैं।
लक्ष्य निर्धारित करना
कोई भी व्यक्ति से केवल तब ही कामयाब हो सकता है, जब उसके पास कोई स्पष्ट लक्ष्य हो। एक लक्ष्य निर्धारित करना और लगातार उसके लिए आगे बढ़ते रहना ही सकारात्मक मानसिकता की निशानी है।
सोशल लाइफ
पॉजिटिव माइंडसेट के लिए एक अच्छी और मजबूत सोशल लाइफ का होना बेहद ही जरूरी है। दोस्तों और परिवार के साथ अपने रिश्तों को मजबूत बनाने का प्रयास करें।
खुद के प्रति करुणा
हम अक्सर अपने खुद के सबसे बड़े आलोचक होते हैं, लेकिन खुद के बारे में गलत विचार रखना नुकसानदायक हो सकता है। आत्म-करुणा का अर्थ है अपने आप के साथ दयालु रहना, खुद की देखभाल करना और समझदारी से पेश आना। दूसरों का भला करने से पहले खुद के बारें में सोचे।
नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम
मन की शांति को बढ़ाने के लिए शारीरिक व्यायाम बेहद ही जरूरी है। इससे आप अपने मन पर काबू पा सकते हैं और सही निर्णय लेने में सक्षम बनते हैं। दैनिक तौर पर शारीरिक व्यायाम आपके अंदर सकारात्मकता की भावना को बढ़ाता है।
माफ करना सीखें
शिकायत, आक्रोश और कड़वाहट को अपने अंदर नहीं पनपने दें, क्योंकि यह आपके मानसिक शांति को खराब करती हैं। क्षमा करना से नकारात्मक भावनाएं दूर होती हैं, क्योंकि यह दूसरों की नहीं, बल्कि अपनी भलाई के लिए।
दयालुता के कार्य करें
जब आप दूसरों के लिए दयालुता के कार्य करते हैं, तब आपका मन अंदर से बहुत प्रसन्न होता है। इससे सामाजिक बंधन भी मजबूत होते हैं।
इन तरह से आप भी अपने अंदर सकारात्मक मानसिकता ला सकते हैं। शिक्षा से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh के साथ
Top 6 Important Lessons You Must Learn Before It's Too Late