पढ़ाई के प्रेशर से बच्चों की मेंटल हेल्थ हो रही है खराब, पेरेंट्स ऐसे करें मदद
By Mahima Sharan10, May 2024 01:31 PMjagranjosh.com
बदलती लाइफस्टाइल
बदलते वक्त ने न सिर्फ लोगों के लाइफस्टाइल में बदलाव आए हैं, बल्कि इसमें शिक्षा प्रणाली भी शामिल है। पढ़ने-लिखने का सीधा संबंध अच्छे भविष्य से है। इसलिए बच्चों पर शुरू से ही इसे लेकर एक अलग तरह का दबाव रहता है, लेकिन आजकल यह कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है।
पढ़ाई का तनाव
इसके कारण छात्रों को कई तरह की मानसिक परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। कम उम्र में पढ़ाई के कारण बच्चों में बढ़ती मानसिक समस्याएं चिंता का विषय है।
कम्पटीशन का दौर
कॉम्पटिशन को देखते हुए छात्रों पर अच्छे प्रदर्शन का एक अलग ही दबाव रहता है। जिसके कारण वे क्रोधित, आक्रामक और कम आत्मविश्वासी महसूस कर सकते हैं।
लक्षणों को पहचानें
अगर आपका बच्चा हर वक्त गुस्से में रहता है, लोगों से मिलना-जुलना पहले से कम कर रहा है, अपने खान-पान पर ध्यान नहीं दे रहा है,तो ये तनाव और डिप्रेशन के लक्षण हैं। समय रहते इसकी पहचान करके हम इसे गंभीर स्थिति में पहुंचने से रोक सकते हैं।
खुलकर बात करें
पढ़ाई के साथ-साथ घर, स्कूल, कोचिंग हर जगह ऐसा माहौल बनाएं, जहां बच्चे अपनी समस्याओं पर खुलकर चर्चा कर सकें। बिना किसी डर या घबराहट के बच्चों को यह आजादी देकर आप उन्हें तनाव और डिप्रेशन का शिकार होने से बचा सकते हैं।
सामाजिक दबाव से दूर रखें
उन्हें हेल्दी कॉम्पटिशन के बारे में बताएं। इससे तनाव बढ़ने के बजाय पढ़ने, लिखने या अन्य काम के लिए प्रेरणा मिलती है। यकीन मानिए, इससे बच्चे पढ़ाई और अन्य क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करते हैं।
इन टिप्स कि मदद से आप अपने बच्चे को स्टडी प्रेशर का शिकार होने से बचा सकते हैं। शिक्षा से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh के साथ
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