Guru Purnima: सोच में करना है बदलाव, जानें गुरुओं के अनमोल वचन


By Mahima Sharan03, Jul 2023 03:21 PMjagranjosh.com

गुरु पुर्निमा

हमारे जीवन में गुरू का विशेष दर्जा है विभिन्न धर्म में पुरातन काल से गुरु-शिष्य परंपरा का महत्व चलते आ रहा है गुरु को भगवान का दर्जा दिया है।

संत कबीरदा

गुरु गोविंद दोउ खड़े, काके लागूं पांय, बलिहारी गुरु आपनो, गोविंद दियो बताय अर्थात जब दोनों एक साथ खड़े हों तो उन दोनों में से सबसे पहले हमें अपने गुरु को प्रणाम करना चाहिए, क्योंकि उन्होंने ही गोविंद के पास जानें का मार्ग बताया है

संत रविदास

रैदास जन्म के कारणै, होत न कोई नीच नर को नीच करि डारि हैं, औछे करम की कीच अर्थात व्यक्ति पद या जन्म से बड़ा या छोटा नहीं होता है, बल्कि वह गुणों या कर्मों से बड़ा या छोटा होता है

गुरु गुरुनानक देव

अहंकार से ही मानवता का अंत हो जाता है किसी को कभी भी अहंकार नहीं करना चाहिये, बल्कि हृदय में सेवा भाव रखकर जीवन व्यतीत करना चाहिए.

गुरुनानक देव

आप जैसा भी बीज बोयेंगे, उसका फल आपको देर-सबेर जरूर मिलेगा इसलिए व्यक्ति को कर्म बहुत सोच-समझकर करने चाहिए.

महावीर जी

हर जीवित प्राणी के प्रति दयाभाव ही अहिंसा है घृणा से मनुष्य का विनाश ही होता है सभी जीवित प्राणियों के प्रति सम्मान का भाव होना ही वास्तव में अहिंसा है।

आदिगुरु शंकराचार्य

आदिगुरु शंकराचार्य ने लोगों को सत्य के मार्ग पर चलने की शिक्षा देते हुए कहा है कि धन, रिश्तों, लोगों, और दोस्तों या अपनी जवानी पर कभी गर्व न करें ये सभी चीजें पल भर में छीन ली जाती हैं.

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