By Mahima Sharan28, Apr 2024 03:47 PMjagranjosh.com
मजबूत छात्र
भावनात्मक और मानसिक रूप से मजबूत होना एक ऐसी चीज़ है जिसे अच्छे से अच्छे लोग भी नियंत्रित नहीं कर सकते। लेकिन, जीवन में भावनात्मक और मानसिक रूप से मजबूत होना बहुत जरूरी है।
बच्चों के लिए जरूरी है बदलाव
अगर आपको लगता है कि आपका बच्चा आगे बढ़ने से डरता है, शर्मीला है और गुस्से या उदासी जैसी भावनाओं पर काबू पाना नहीं जानता तो आप कुछ बातों का ध्यान रखकर उसकी मदद कर सकते हैं।
भावनाओं को व्यक्त करना सिखाएं
यह बहुत ज़रूरी है कि आप अपने बच्चे को अपनी भावनाएं व्यक्त करना सिखाएं। जब बच्चे अपनी भावनाओं को अपने तक ही सीमित रखते हैं तो ये भावनाएं उनके बच्चे के दिमाग पर असर करने लगती हैं।
डर के बारे में बात करें
कई माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा जीवन की हर दौड़ में सबसे आगे रहे। ऐसे में वे उसे जीतना तो सिखाते हैं लेकिन हार से जुड़ी बच्चे की चिंताओं और झिझक को नहीं सुनते।
बच्चे की बात सुनो
आपको अपने बच्चे में यह विश्वास विकसित करना होगा कि वह आपके पास आ सकता है और आपको अपने मन की हर बात बता सकता है। जब बच्चा आपसे अपनी चिंताएं और समस्याएं साझा करेगा तो आप उसे समाधान दे पाएंगे।
डांटकर मत सिखाओ
जब माता-पिता बच्चे को हर बात पर डांटने लगते हैं तो बच्चा भावनात्मक रूप से मजबूत होने की बजाय कमजोर हो जाता है। उसके अंदर डर पनपने लगता है कि कहीं किसी गलती पर उसे दोबारा डांट न पड़े।
सकारात्मक विचारों पर जोर दें
माता-पिता होने के नाते यह आपका कर्तव्य है कि आप अपने बच्चे को सकारात्मक रहना सिखाएं। अगर आपको लगता है कि आपका बच्चा हर छोटी-बड़ी बात से डरता है तो उसे सिखाएं कि कैसे वह सकारात्मक रहकर मुश्किलों से पार पा सकता है।
ये आदत डालने से आपके बच्चे मानसिल मजबूत बनते हैं। शिक्षा से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh के साथ
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