दिल्ली के राजेंद्र नगर का इतिहास


By Priyanka Pal06, Aug 2024 09:36 AMjagranjosh.com

राजेंद्र नगर

दिल्ली में बसा ओल्ड राजेंद्र नगर को अविभाजित भारत के पंजाब से आए लोगों को रहने के लिए बसाया गया था। भारत के विभाजन के दौरान आए इन लोगों को यहां पर रहने के लिए पनाह दी गई थी।

नाम के पिछे का इतिहास

दरअसल, इसका नाम राजेंद्र नगर भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के नाम से रखा गया। उन्हीं के नाम पर इस कॉलोनी को बसाया गया था।

राजेंद्र नगर का विकास

लुटियंस दिल्ली के नजदीक होने की वजह से यह इलाका तेजी से विकसित होने लगा। अब यहां पर करीब एक लाख लोग रहते हैं और 25 हजार मकान हैं।

रिफ्यूजी कॉलोनी

आजादी के समय जब बंटवारा हुआ तो लाहौर से ढेरों सिख और हिंदू दिल्ली चले आए। इन्हीं लोगों के लिए यहां पटेल नगर, राजेंद्र नगर, लाजपत नगर जैसी कॉलोनी बसाई गई थीं।

कोचिंग सेंटर्स

1995 तक ये पूरा एरिया रेजिडेंशियल था, जिसके बाद 1997 के आसपास यहां कोचिंग सेंटर्स शुरू हुए।

UPSC क्लियर करने का सपना

इस इलाके में 20 हजार नए छात्र यहां पर हर छह माह में देश के विभिन्न राज्यों से आईएएस और आईपीएस बनने का सपना लेकर कोचिंग के लिए आते हैं।

फीस

हाल ही में स्टूडेंट्स के साथ हुए हादसे में जिस मार्ग पर राव कोचिंग सेंटर चल रहा है, वह सतपाल भाटिया मार्ग है। पूरे मार्ग पर कोचिंग सेंटरों की बाढ़ है। 80 हजार सालाना से लेकर दो लाख रुपये स्टूडेंट से फीस ली जाती है।

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