टाइम-टेबल बनाने में होती है दिक्कत? फटाफट नोट कर लें ये टिप्स


By Mahima Sharan11, Jan 2024 10:11 AMjagranjosh.com

टाइम टेबल

बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी हो या रिवीजन टाइम-टेबल अहम भूमिका निभाता है। इससे पढ़ाई ठीक से होती है, कोई भी महत्वपूर्ण टॉपिक नहीं छूटता और जीवन में अनुशासन आता है।

लक्ष्य निर्धारित

आप अपने लिए लक्ष्य निर्धारित करते हैं और जब आप उन्हें हासिल कर लेते हैं तो आत्मविश्वास महसूस करते हैं। इसलिए टाइम टेबल बनाने में लगने वाले समय को समय की बर्बादी न समझें और पहले पूरी प्लानिंग करें और फिर पढ़ाई शुरू करें।

नेट से प्रारूप जांचें

टाइम टेबल बनाने के कई तरीके हैं, आप चाहें तो नेट से उसका फॉर्मेट देखकर अपनी पसंद का तरीका चुन सकते हैं। इसके साथ ही कई सॉफ्टवेयर भी आते हैं जिनके इस्तेमाल से आप कम समय में एक अच्छा टाइम टेबल बना सकते हैं। अगर आप इन तरीकों को नहीं अपनाना चाहते हैं तो इसे कॉपी में ही पारंपरिक तरीके से बनाएं।

सबसे पहले बचे हुए सिलेबस को देखें

इस काम के लिए शुरुआत में आपको थोड़ी मेहनत करनी होगी और सबसे पहला कदम है खुद को परखना। अब से परीक्षा तक बचे समय के अनुसार सबसे पहले यह देख लें कि किस विषय में क्या बचा है। कितना तैयार है, कितना तैयार करने की जरूरत है और इसे करने में लगभग कितना समय लगेगा।

अनेक विषयों का अध्ययन करें

एक बात का ध्यान रखें कि जरूरत के अनुसार अपने टाइम-टेबल को प्राथमिकता दें लेकिन एक दिन में जितना संभव हो उतने विषयों का अध्ययन करने का प्रयास करें। विषय बदलने से मन बदलता है और बोरियत दूर होती है। पढ़ाई के दौरान भी आपको बदलाव महसूस होने लगेगा।

जरूरत से ज्यादा बोझ न डालें

एक टाइम-टेबल बनाएं जिसे आप फॉलो कर सकें यानी कि वो प्रैक्टिकल हो। ऐसे नियम न बनायें कि आप उनका पालन न कर सकें। इसे अपनी क्षमता, अपने स्वभाव और अपनी पढ़ाई के अनुसार बनायें। अपने समय को इस हिसाब से बांट लें कि दिन के किस समय आपके लिए पढ़ाई संभव है।

लचीले रहें और ब्रेक लें

टाइम-टेबल बनाते समय बेहतर होगा कि आप कुछ समय अलग रखें जिसमें आप उन कार्यों को पूरा कर सकें जिन्हें आप पूरा नहीं कर पाए हैं। यह जरूरी नहीं है कि आप हर दिन काम पूरा नहीं कर पाएंगे, लेकिन जिस दिन यह संभव न हो तो उस समय का उपयोग लक्ष्य पूरा करने में करें और अगर यह समय बच जाए तो उसमें मजा लें।

रिवीजन और नोट्स

अतिरिक्त समय लें यानी लचीला बनें और पढ़ाई के साथ-साथ ब्रेक के लिए भी उचित समय आवंटित करें। रिवीजन से लेकर नोट्स बनाने और प्रैक्टिस पेपर हल करने तक, हर छोटी-छोटी जानकारी को अपने शेड्यूल में शामिल करें।

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